Breaking News: 500 वर्षों का इंतज़ार खत्म – अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराया!
Video Source: DD News
मीडिया के अनुसार, अयोध्या की पावन धरा पर आज इतिहास का वह अध्याय लिखा गया जिसका इंतज़ार करोड़ों रामभक्त सदियों से कर रहे थे। भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराते ही पूरा देश भावविभोर हो उठा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभ मुहूर्त में 22 फीट लंबे, 11 फीट चौड़े और लगभग 3 किलो वजनी धर्म ध्वज का विधिवत ध्वजारोहण किया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी थे —
सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और देशभर से आए 7000 विशेष अतिथि।
रामलला के दरबार में प्रधानमंत्री मोदी — भावनाओं से भरा संदेश
ध्वजारोहण से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला के चरणों में हाजिरी लगाई और पूजा-अर्चना की।
सोशल मीडिया पर साझा संदेश में उन्होंने लिखा:
“अलौकिक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम परिवार के दर्शन का सुअवसर मिला। यह क्षण श्रद्धा और भक्ति से भावविभोर कर गया। यह असंख्य रामभक्तों की तपस्या का प्रतिफल है। मेरी प्रार्थना है कि प्रभु श्रीराम का दिव्य आशीष संपूर्ण भारतवासियों को यश और कीर्ति दे।”
सीएम योगी आदित्यनाथ बोले — ‘आज भगवा ध्वज का आराध्य क्षण पूरा हुआ’
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने अयोध्या के ध्वजारोहण को याद करते हुए कहा:
“भारत के सनातन भगवा ध्वज का आरोहण राम मंदिर के शिखर पर हुआ। यह वही ध्वज है, जिसकी रक्षा के लिए सिख गुरुजनों ने अपने प्राण न्योछावर किए।”
उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी।
माता अन्नपूर्णा मंदिर सहित सप्त मंदिरों में दर्शन
ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की और लिखा:
“माता अन्नपूर्णा से देशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।”
उन्होंने सप्त ऋषि–संबंधित सप्त मंदिरों —
महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज और माता शबरी —
के दर्शन करते हुए कहा कि ये स्थलीय आशीर्वाद हमें प्रभु राम की शरण में योग्य बनाते हैं।
ध्वजारोहण पर पीएम मोदी का संदेश — “यह केवल ध्वज नहीं, सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक”
ध्वजारोहण समारोह के बाद भावुक प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण मेरे जीवन का भावविभोर करने वाला अनुभव है।
शुभ मुहूर्त में सम्पन्न यह अनुष्ठान हमारी सांस्कृतिक गौरवगाथा और राष्ट्रीय एकता के नए अध्याय का उद्घोष है।”
उन्होंने ध्वज को भारतीय मूल्यों का प्रतीक बताते हुए कहा:
“ध्वज नीति-न्याय का मार्गदर्शक हो, सुशासन और समृद्धि का पथ प्रदर्शक बने। यह ध्वज आने वाली हजारों सदियों तक श्रीराम के आदर्शों का प्रचार करेगा।”
ध्वज का आध्यात्मिक महत्व — “दूर से प्रणाम करने वालों को भी मिलेगा पुण्य”
प्रधानमंत्री ने कहा:
“जो लोग मंदिर नहीं आ पाते और दूर से ध्वज को प्रणाम करते हैं, उन्हें भी वही पुण्य मिलता है। यह ध्वज आने वाली सदियों तक रामलला के जन्मस्थान के दर्शन कराएगा।”
‘राम मंदिर का भगवा — संघर्ष, श्रद्धा और संकल्प की जीवित कथा’
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भगवा ध्वज के प्रतीकों की महत्ता समझाते हुए कहा:
“यह ध्वज केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं—
यह सूर्यवंश का चिन्ह है, ओम का स्वर है, कोविदारा वृक्ष की छाया है, संघर्ष से श्रीराम राज्य की ओर बढ़ने की यात्रा है।
यह सदियों की तपस्या का प्रत्यक्ष रूप है।”
“2047 तक विकसित भारत — इसके लिए अपने भीतर राम को जगाना होगा”
प्रधानमंत्री ने भावपूर्ण अपील की:
“अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें अपने भीतर के राम को जागृत करना होगा।
आज से बड़ा सुअवसर कोई नहीं—आइए संकल्प लें कि अपने भीतर श्रीराम को प्रतिष्ठित करेंगे।”
“आज पूरा भारत, पूरा विश्व राम-मय है”
उन्होंने अंत में कहा:
“आज वह यज्ञ पूर्ण हुआ जिसकी अग्नि 500 वर्षों तक प्रज्वलित रही।
आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित हुई है।”
जय जय सियाराम।
