Breaking News: पुतिन के सफल दिल्ली दौरे के बाद भारत की कूटनीति ने मारी एक और सटीक चाल!
Video Source: DD News
मीडिया के अनुसार, दिल्ली की सर्द हवाओं के बीच मंगलवार शाम वह ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर स्वयं जाकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया। यह नजारा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं था – बल्कि दोनों नेताओं के बीच दशकों में तैयार हुई गहरी व्यक्तिगत केमिस्ट्री का इशारा था।
मोदी ने तोड़ा प्रोटोकॉल – पुतिन को गले लगाकर किया वेलकम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैसे ही पुतिन के विशेष विमान ने दिल्ली में लैंड किया, पीएम मोदी प्रोटोकॉल से हटकर एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उन्होंने पुतिन को गले लगाकर स्वागत किया, जिसने क्रेमलिन तक को हैरान कर दिया।
इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से पीएम आवास पहुंचे, जहां विशेष प्राइवेट डिनर आयोजित था। यह क्षण साफ दर्शाता है कि यह दौरा सिर्फ सरकारी औपचारिकताओं तक सीमित नहीं, बल्कि हाई-वोल्टेज पावर-पॉलिटिक्स का संकेत भी है।
मोदी का संदेश: “भारत-रूस की दोस्ती समय की परीक्षा पर खरी उतरी है”
पुतिन के आगमन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया:
“दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है। भारत-रूस की मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है और दोनों देशों के नागरिकों को इसका लाभ मिला है। आज और कल हमारी विस्तृत बातचीत महत्वपूर्ण रहेगी।”
डिनर मीटिंग देर रात तक चली और उच्च-स्तरीय सुरक्षा व कूटनीतिक गोपनीयता के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
पुतिन का दौरा क्यों है इतना अहम?
80 साल पुरानी साझेदारी को नया आयाम
रूस के साथ भारत की दोस्ती सबसे पुराने, भरोसेमंद और रणनीतिक रिश्तों में से एक मानी जाती है। वैश्विक जियो-पॉलिटिक्स के भारी उतार-चढ़ाव के बीच भी यह साझेदारी मजबूत खड़ी है।
पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के बीच नई ऊर्जा, नए भरोसे और नए अवसरों का संकेत देता है।
भारत-अमेरिका संबंधों में हाल की तल्ख़ी के बीच यह यात्रा और महत्वपूर्ण
हाल के दिनों में भारत-अमेरिका के बीच कुछ जटिलताएँ उभरी हैं। ऐसे समय में पुतिन की यह यात्रा वैश्विक रणनीतिक समीकरणों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
पश्चिमी देशों की नज़रें इस दौरे पर टिकी हुई हैं।
मोदी–पुतिन वार्ता: किन मुद्दों पर होगी बड़ी चर्चा?
रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाना
भारत की सैन्य संरचना में रूस का योगदान ऐतिहासिक रहा है। नई एवं उन्नत रक्षा परियोजनाओं पर मंथन होगा।
भारत-रूस व्यापार को ‘किसी भी बाहरी दबाव’ से सुरक्षित रखना
रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच भारत अपनी आर्थिक साझेदारी को स्वतंत्र रखना चाहता है।
न्यूक्लियर सेक्टर में सहयोग—विशेषकर छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर
भारत के भविष्य की ऊर्जा जरूरतें को देखते हुए यह बड़ा कदम हो सकता है।
कल का पूरा कार्यक्रम — बड़ा दिन
सुबह:
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राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति पुतिन का औपचारिक स्वागत
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राजघाट पर श्रद्धांजलि
दोपहर:
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हैदराबाद हाउस में शीर्ष स्तरीय शिखर वार्ता
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प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तृत बातचीत
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आधिकारिक भोज
शाम:
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पुतिन भारत सरकार के एक नए सरकारी प्रसारक चैनल का शुभारंभ करेंगे
रात:
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राजकीय भोज
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रात 9 बजे के आसपास पुतिन की भारत से विदाई की संभावना
यह दौरा सिर्फ राजनयिक मुलाकात नहीं- बल्कि भारत-रूस संबंधों के नए युग की शुरुआत है
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती तथा उनकी व्यक्तिगत केमिस्ट्री ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत-रूस संबंध केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास और परंपरागत साझेदारी पर आधारित हैं।
