Breaking News: अमित शाह का बड़ा बयान: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना!
Video Source: TIMES NOW Navbharat
मीडिया के अनुसार,
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर उठ रहे विरोधों पर करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ किया कि यह विधेयक संविधान के दायरे में रहकर संशोधित किया जा रहा है और इससे किसी भी समुदाय के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
विधेयक को लेकर क्या कहा अमित शाह ने?
एक टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा—
“यह विधेयक जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। विपक्ष झूठ फैलाकर मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकारों ने अतीत में ऐसे कानून बनाए, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ थे। हमारी सरकार इसे सही करने का काम कर रही है।”
विपक्ष पर गंभीर आरोप
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए वक्फ कानून में बदलाव किए और अब जब सरकार इसे संविधान के अनुरूप ला रही है, तो झूठा प्रचार किया जा रहा है।
“कोई भी विधेयक संविधान से ऊपर नहीं हो सकता। हमने इसे इस तरह तैयार किया है कि अदालत में चुनौती दी जा सके, ताकि किसी के अधिकारों का उल्लंघन न हो।”
दिल्ली और प्रयागराज में वक्फ संपत्तियों का मुद्दा
गृह मंत्री ने दिल्ली और प्रयागराज में वक्फ संपत्तियों को लेकर उठे विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि—
“दिल्ली में 123 महत्वपूर्ण स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया, वहीं प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी वक्फ संपत्ति बता दिया गया। यह ऐतिहासिक स्थलों की जब्ती जैसा है, जिसे हमारी सरकार स्वीकार नहीं करेगी।”
विधेयक का विरोध क्यों?
अमित शाह ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इस कानून से किसी की संपत्ति या अधिकारों पर कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि—
“जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे अदालत में अपनी आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं, लेकिन झूठ फैलाकर समाज को गुमराह करना उचित नहीं है।”
क्या है वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक?
इस विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों को लेकर अधिक पारदर्शिता लाने और संविधान के अनुरूप संशोधन करने का प्रस्ताव है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि—
✔ वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग न हो।
✔ सरकारी आदेशों को अदालत में चुनौती दी जा सके।
✔ ऐतिहासिक स्थलों को गलत तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया रोकी जाए।