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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘परमात्मा ने ही मुझे 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है।

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Breaking News : टेलीकास्ट से पहले ही सुपरहिट हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेगा इंटरव्यू!

Video Source: Narendra Modi

‘सलाम इंडिया’ शो में आत्मविश्वास से भरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के भविष्य, विपक्ष पर आरोपों और चुनावी निष्पक्षता को लेकर दिए अहम बयान

नई दिल्ली | 22 मई 2025:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने आत्मविश्वास और राष्ट्र के प्रति समर्पण का परिचय देते हुए कहा कि उनका जीवन एक दिव्य उद्देश्य से जुड़ा है और ईश्वर ने उन्हें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का कार्य सौंपा है। जब तक वह लक्ष्य पूरा नहीं होता, “परमात्मा मुझे वापस नहीं बुलाएंगे।” प्रधानमंत्री ने ये बातें लोकप्रिय टेलीविज़न शो ‘सलाम इंडिया’ में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहीं। यह साक्षात्कार आज रात 9 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित किया जाएगा।


“2047 तक का लक्ष्य ईश्वरीय मिशन है”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:

मुझे लगता है कि सर्वशक्तिमान ने मुझे एक विशेष मिशन के लिए भेजा है — और वह मिशन है भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना। जब तक यह मिशन पूरा नहीं होता, मुझे विश्वास है कि परमात्मा मुझे वापस नहीं बुलाएंगे।

74 वर्षीय प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस लक्ष्य के लिए दिव्य प्रेरणा, शक्ति, दिशा, और संकल्प निरंतर मिल रहे हैं। उनका यह बयान न केवल व्यक्तिगत आस्था को दर्शाता है, बल्कि यह उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण और भविष्य के रोडमैप की झलक भी देता है।

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‘400 पार’ का नारा जनता की ओर से: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष द्वारा ‘400 पार’ नारे पर किए जा रहे आलोचनाओं का भी उत्तर दिया। उन्होंने कहा:

‘400 पार’ का नारा भाजपा ने नहीं, बल्कि देश की जनता ने दिया है। पिछले पांच वर्षों में जो समर्थन भाजपा को मिला, वह इस बात का प्रमाण है कि देश भाजपा के साथ खड़ा है। संसद में हमारे पास पहले से ही 400 से अधिक सांसदों का समर्थन था। जब कोई छात्र 95% अंक लाता है, तो वह अगली बार 100% की उम्मीद करता है — यही तो आत्मविश्वास है।

यह टिप्पणी इस बात को बल देती है कि भाजपा सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का विश्वास भी जीत रही है।


विपक्ष की “लेवल प्लेइंग फील्ड” की शिकायत पर तीखा हमला

विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे चुनाव में असमान अवसर के आरोपों पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने 1991 के राजीव गांधी हत्याकांड की याद दिलाई। उन्होंने कहा:

जब 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या हुई थी, तो केवल उनकी सीट का चुनाव रद्द होना चाहिए था। लेकिन चुनाव आयोग ने पूरे देश में मतदान 22 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। चुनाव प्रक्रिया मध्य जून तक टाल दी गई। क्या यही ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ था?

मोदी ने इसके बाद उस समय के मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि:

यही व्यक्ति बाद में 1999 में कांग्रेस के टिकट पर गांधीनगर से भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।

इस बयान के ज़रिए प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विपक्ष की दोहरी राजनीति पर जोरदार प्रहार किया।


राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव: ये बयान क्यों अहम हैं?

प्रधानमंत्री मोदी का यह इंटरव्यू ऐसे समय पर आया है जब देश लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण, विपक्ष की ओर से EVM, प्रेस की स्वतंत्रता, और राजनीतिक पक्षपात जैसे मुद्दों पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।

मोदी का यह साक्षात्कार तीन बड़े संकेत देता है:

  1. दीर्घकालिक दृष्टि: 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को राष्ट्रीय एजेंडे में शीर्ष स्थान देना।

  2. राजनीतिक आत्मविश्वास: 400 सीटों का लक्ष्य और पिछले कार्यकाल का डेटा आधारित आत्मविश्लेषण।

  3. विपक्ष की राजनीति को बेनकाब करना: ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर दिखाना।


मोदी की सोच सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि ‘मिशन भारत 2047’ है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस इंटरव्यू से स्पष्ट है कि उनके लिए 2024 का चुनाव सिर्फ एक सत्ता परिवर्तन का माध्यम नहीं, बल्कि एक विचार और विजन की यात्रा है — जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उनके स्वप्न से जुड़ा है।

उनका आत्मविश्वास, विपक्ष पर तीखा हमला, और ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ी गई दलीलें यह दर्शाती हैं कि भाजपा इस चुनाव को एक विचारधारा की जंग के रूप में लड़ रही है।