Breaking News : मनीष कश्यप को जमानत पर जेल से रिहाई मिल गई है और उन्होंने बिहार सरकार को दिया खुला चैलेंज!
Video Source: News18 Punjab
ट्विटर पर मनीष कश्यप ट्रेंड में, वीडियो से मचाया सियासी भूचाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूट्यूबर और पत्रकार मनीष कश्यप एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। बिहार में FIR दर्ज होने के बाद, मनीष कश्यप ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे। इस बीच उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को खुली चुनौती दी है।
उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में हजारों ट्वीट किए जा रहे हैं, जिनमें तेजस्वी यादव के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
तेजस्वी को दी गिरफ्तारी देने की पेशकश
वीडियो में मनीष कश्यप कहते हैं:
“मैं हत्या का आरोपी नहीं हूँ, ना ही कहीं से फरार हूँ। आप जिस दिन कहेंगे, मैं खुद पटना आकर आपके घर के सामने गिरफ्तारी दे दूंगा। फ्लाइट से आ जाऊंगा।”
इस बयान के जरिए मनीष ने यह संकेत दिया कि वो कानून से भाग नहीं रहे, बल्कि खुद को पेश करने के लिए तैयार हैं।
“चांदी बनाम स्टील” का तीखा तंज
अपने अंदाज़ में मनीष कश्यप ने तेजस्वी यादव की पृष्ठभूमि पर तंज कसते हुए कहा:
“आप चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और मैं स्टील का चम्मच लेकर पैदा हुआ हूं। चांदी महंगी हो सकती है, पर स्टील में मजबूती होती है।”
इस टिप्पणी को मनीष कश्यप के समर्थक राजनीतिक प्रतीकवाद के रूप में देख रहे हैं, जहां उन्होंने सामान्य वर्ग की ताकत और जमीनी संघर्ष को सामने रखा।
तेजस्वी का 2025 का सपना नहीं होने देंगे पूरा: मनीष कश्यप
वीडियो में मनीष ने कहा कि तेजस्वी यादव 2025 में मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन वह उस सपने को पूरा नहीं होने देंगे। उन्होंने इसे “जनता के साथ धोखा” बताया और दावा किया कि वे जनता के मुद्दों की आवाज़ उठाते रहेंगे।
रेप केस पर आरजेडी को घेरा
मनीष कश्यप ने RJD (राष्ट्रीय जनता दल) पर भी हमला बोलते हुए कहा:
“रेप केस में आरोपी विधायक आपकी पार्टी में हैं, लेकिन उनके खिलाफ आप आवाज नहीं उठाते। और मेरे ऊपर ना CBI की रेड हुई, ना ED की। मेरे पिता जेल में नहीं, बल्कि देश की सेवा में बॉर्डर पर हैं।”
यह कथन मनीष द्वारा अपने चरित्र और पारिवारिक पृष्ठभूमि को पाक-साफ़ बताने की कोशिश है, और RJD पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी।
तमिलनाडु मामले पर केस, सियासी तूफान जारी
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले की खबर के बाद, बिहार में राजनीतिक घमासान मच गया था। जहां तमिलनाडु सरकार और पुलिस इसे फर्जी खबर बता रही है, वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी खबर को गलत करार दिया।
बावजूद इसके, इस मामले में मनीष कश्यप सहित चार लोगों पर केस दर्ज कर दिया गया। इसी के विरोध में मनीष ने यह वीडियो जारी कर पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक साजिश बताया।
क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है?
मनीष कश्यप का यह वीडियो न सिर्फ राजनीतिक भूचाल ला रहा है, बल्कि एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है –
क्या पत्रकार या यूट्यूबर की आवाज़ उठाना अपराध बनता जा रहा है?
क्या यह मामला अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम राजनीतिक दमन का प्रतीक है?