Breaking News : मिल्कीपुर की जीत ने एक बार फिर साबित किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर ठान लेते हैं तो पूरा करके ही दम लेते हैं!
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मिल्कीपुर उपचुनाव: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, सपा को भारी शिकस्त
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) को करारी हार दी है। शनिवार को घोषित नतीजों में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद को 61,710 वोटों के बड़े अंतर से हराया। यह इस सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।
उपचुनाव के नतीजे:
- चंद्रभानु पासवान (भाजपा) – 1,46,397 वोट
- अजीत प्रसाद (सपा) – 84,687 वोट
- अंतर: 61,710 वोटों से भाजपा की जीत
भाजपा की पीडीए रणनीति सफल
सपा ने फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट देकर अपने पारंपरिक पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) वोट बैंक को साधने की कोशिश की थी। हालांकि, भाजपा ने उसी पीडीए समीकरण को अपनाते हुए दलित वोट बैंक में सेंधमारी कर दी। चंद्रभानु पासवान की जीत से स्पष्ट है कि दलित और गैर-ओबीसी वोट बैंक अब भाजपा की ओर मुड़ रहा है।
सीएम योगी की सक्रिय भूमिका
उपचुनाव की घोषणा से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाई। उन्होंने मिल्कीपुर और अयोध्या में कई जनसभाएं कीं और चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया। चुनावी मैनेजमेंट को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार के छह मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके अलावा, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी लगातार कई दौरे किए।
भाजपा का लगातार बढ़ता वर्चस्व
यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने सपा के गढ़ में सेंध लगाई हो। इससे पहले नवंबर में हुए नौ विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सपा को केवल दो सीटें मिली थीं।
लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा को बढ़त मिली थी, लेकिन महज एक साल में कोर वोट बैंक का भाजपा की ओर शिफ्ट होना सपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। इस उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि भाजपा का पीडीए दांव और संगठनात्मक रणनीति सपा के पारंपरिक वोट बैंक को तोड़ने में सफल हो रही है।