Breaking News : मिल्कीपुर की जीत ने एक बार फिर साबित किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर ठान लेते हैं तो पूरा करके ही दम लेते हैं!
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चंद्रभानु पासवान ने 61,710 वोटों से रचा नया इतिहास
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समाजवादी पार्टी (सपा) को ज़बरदस्त पटखनी दी है।
भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने सपा के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को 61,710 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया, जो इस सीट के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।
???? उपचुनाव के परिणाम
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
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चंद्रभानु पासवान | भाजपा | 1,46,397 |
अजीत प्रसाद | सपा | 84,687 |
वोटों का अंतर | 61,710 |
भाजपा की ‘पीडीए’ रणनीति ने दिखाया असर
सपा ने पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक (PDA) समीकरण के तहत उम्मीदवार उतारा, लेकिन भाजपा ने उसी रणनीति को बेहतर ढंग से अपनाया।
दलित समुदाय से आने वाले चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारकर भाजपा ने सपा के कोर वोट बैंक में सीधा सेंध लगा दी।
योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और संगठन की मजबूती
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर में कई चुनावी सभाएं कीं और भाजपा कार्यकर्ताओं को एकजुट कर माहौल को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया।
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प्रदेश सरकार के 6 मंत्रियों को क्षेत्र में ज़मीनी काम की जिम्मेदारी दी गई।
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी लगातार चुनावी दौरे कर रणनीति को धार दी।
भाजपा का बढ़ता जनाधार, सपा के लिए खतरे की घंटी
यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने सपा के गढ़ में सेंध लगाई हो।
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हाल ही में हुए 9 विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने 7 सीटें जीतीं, जबकि सपा को केवल 2 पर संतोष करना पड़ा।
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मिल्कीपुर, जहां लोकसभा चुनाव 2024 में सपा को बढ़त मिली थी, वहां अब भाजपा की बंपर जीत सपा के लिए राजनीतिक चेतावनी है।
भाजपा की रणनीति रंग लाई, सपा के वोट बैंक में टूट
मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे साबित करते हैं कि भाजपा अब पारंपरिक पीडीए वोट बैंक को अपने पाले में लाने में सफल हो रही है।
मजबूत ग्राउंड मैनेजमेंट, जातीय संतुलन, और नेतृत्व की सक्रियता ने भाजपा को वह बढ़त दिलाई, जो कभी सपा की पहचान थी।