Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरे बार “मैं शपथ लेता हूं कि”
Video Source: Narendra Modi
शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी, कैबिनेट में शाह, राजनाथ, गडकरी, नड्डा, शिवराज और सीतारमण शामिल
नई दिल्ली | 22 मई 2025: भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के भव्य प्रांगण में हुए इस ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा और देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली।
“मैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।”
– नरेंद्र मोदी, शपथ ग्रहण के दौरान
शपथ के शब्दों में दिखा संकल्प और संवैधानिक प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ लेते हुए यह भी संकल्प लिया कि वह बिना भय, पक्षपात, अनुराग या द्वेष के सभी नागरिकों के साथ संविधान के अनुसार न्याय करेंगे। उन्होंने शपथ में विशेष रूप से यह भी कहा कि:
“प्रधानमंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाए गए या ज्ञात किसी भी विषय को, जब तक आवश्यकता न हो, किसी भी व्यक्ति को प्रकट नहीं करूंगा।“
यह वक्तव्य ना केवल संवैधानिक गोपनीयता की भावना को उजागर करता है, बल्कि प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारी और संवैधानिक अनुशासन का प्रतीक भी है।
कैबिनेट में दिग्गजों की वापसी: शाह, राजनाथ, गडकरी, नड्डा
प्रधानमंत्री के बाद प्रमुख भाजपा नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा ने भी केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी प्रधानमंत्री की नई कैबिनेट का हिस्सा बनीं।
इस शपथ ग्रहण समारोह में दिखा स्पष्ट संकेत – अनुभव और विश्वसनीय नेतृत्व को मोदी सरकार 3.0 में प्राथमिकता दी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखा भारत का कद: दक्षिण एशियाई देशों के नेता मौजूद
मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत वैश्विक राजनयिक संकेतों के साथ हुई, जहां कई दक्षिण एशियाई देशों के शीर्ष नेता इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे:
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना
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सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
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मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ
यह उपस्थिति मोदी सरकार की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और भारत की बढ़ती भूराजनीतिक हैसियत का संकेत है।
तीसरी पारी के मायने: रिकॉर्ड और अपेक्षाएँ
नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत के पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने लगातार तीन बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। यह न केवल लोकप्रियता का प्रमाण है, बल्कि जनता की ओर से विकास, स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विश्वास का भी प्रतीक है।
➤ प्रमुख एजेंडे:
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2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
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गरीबी उन्मूलन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
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राष्ट्रवाद, सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन
‘मोदी 3.0’ का आरंभ – स्थिरता, शक्ति और संकल्प का प्रतीक
तीसरे कार्यकाल के साथ नरेंद्र मोदी न केवल भारत के राजनीतिक इतिहास में बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक स्थिर, प्रबल और दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। उनकी शपथ न केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया थी, बल्कि यह एक नई ऊर्जा, नीतिगत निरंतरता और जनविश्वास का उत्सव भी था।
अब नजरें होंगी उनकी नई कैबिनेट की संरचना और शुरुआती 100 दिनों के फैसलों पर – जो भारत के भविष्य की दिशा तय करेंगे।