Breaking News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ मन्दिर का किया उद्घाटन!
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मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया और इस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने के बाद अब आप सीधे गंगा घाट से काशी विश्वनाथ मन्दिर के मुख्य भाग तक जा सकेंगे। आप को बता दे कि काशी विश्वनाथ मन्दिर का ये विस्तार 241 वर्षों के बाद हुआ है और जिस मन्दिर को मुगल शासक औरंगजेब ने तोड़ा, उस मन्दिर के विस्तार के लिए लगभग 250 वर्षों का इंतजार करना पड़ा। इससे पहले वर्ष 1780 में मालवा की रानी अहिल्याबाई ने इस मन्दिर का पुननिर्माण कराया था।
जैसा कि हम सब को पता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की नींव रखी थी और इसके तहत मन्दिर के मुख्य भाग में चार बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं। मन्दिर का जो परिक्रमा मार्ग है, वहां संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिन पर काशी की महिमा का वर्णन किया गया है। ये काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ललिता घाट से शुरू होकर मन्दिर के मुख्य भाग तक जाता है और इस पूरे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कुल 24 भवनों का निर्माण किया गया है।
वर्ष 1903 में जब महात्मा गांधी पहली बार काशी विश्वनाथ मन्दिर गए थे, तब उनका अनुभव कुछ अच्छा नहीं था और महात्मा गांधी ने अपने एक लेख में लिखा था कि इस मन्दिर के चारों तरफ उन्होंने गंदगी, मक्खियां और बदबू देखी थी। 13 वर्षों के बाद जब वो वर्ष 1916 में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फिर से वारणसी गए, तब भी हालात ज्यादा नहीं बदले थे। उस समय महात्मा गांधी ने हैरानी जताते हुए कहा था कि जिस मन्दिर की महिमा इतनी विशाल है और जो इतना पवित्र है, उसके आसपास की ये गन्दगी उन्हें खूब परेशान करती है। वही सोचने वाली बात ये है कि इस देश में महात्मा गांधी और उनके विचारों को आधार बनाकर कई नेताओं ने चुनाव लड़े और अपनी सरकारें भी बनाई लेकिन इनमें से किसी भी सरकार ने उनकी चिंता और पीड़ा को नहीं समझा बल्कि पहले इस तरह के विषयों को साम्प्रदायिक राजनीति से जोड़ दिया जाता था।