onlynarendramodiji

एक बार फिर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने की सारी हद पार!

Posted by

Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेके कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने की सारी हद पार!

Video Source: Zee News

???? जब देश भर से शुभकामनाएं आईं, तब कांग्रेस ने फेंका विवाद का तीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर जब देश और विदेश से उन्हें शुभकामनाएं मिल रही थीं, उस वक्त कांग्रेस पार्टी की ओर से ऐसा बयान सामने आया जिसने सियासी माहौल गरमा दिया।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना एक बंदर के हाथ में उस्तरे से कर दी, जिससे सियासी भूचाल आ गया।

Breaking News

????️ सुरजेवाला का विवादित बयान — “अबकी बार, बंदर के हाथ में उस्तरा सरकार”

एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार की योजनाओं और जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए कहा:

किसान की आय कब दुगनी होगी — पता नहीं,
कितने प्रवासी मजदूर मरे — पता नहीं,
कोरोना का किसानों पर असर — पता नहीं,

और संसद में यही सरकार का जवाब होता है।
इसलिए अबकी बार — बंदर के हाथ में उस्तरा सरकार।*”

उनके इस बयान को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर जानबूझकर दिया गया कटाक्ष माना जा रहा है, जिसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।


???? केंद्रीय मंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया — “कांग्रेस राजनीतिक रूप से दिवालिया हो चुकी है”

कांग्रेस के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:

कांग्रेस अब एक दिवालिया राजनीतिक दल बन चुकी है, जिसे देश की जनता ने पूरी तरह नकार दिया है।
यह पार्टी न संस्कृति समझती है, न शिष्टाचार। उनके पास प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का जवाब नहीं है, इसलिए वे इस तरह की अशोभनीय भाषा का सहारा लेते हैं।


???? क्या कांग्रेस ने फिर खोया नैतिक संतुलन?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बयान से कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी छवि को नुकसान पहुंचाया है।

  • प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन जैसे महत्वपूर्ण दिन पर इस तरह की अशालीन तुलना जनता को भी नागवार गुज़री है।

  • सोशल मीडिया पर भी रणदीप सुरजेवाला को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।


⚖️ राजनीति में मर्यादा की मांग

देश में लोकतंत्र की खूबसूरती इसी में है कि विरोध हो, लेकिन मर्यादित विरोध
राजनीति में शब्दों की गरिमा बनाए रखना हर पार्टी और नेता की ज़िम्मेदारी है। प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए अपमानजनक उपमाएं देना केवल न्यून स्तर की राजनीति को दर्शाता है।