Breaking News: अमेरिका के 50% टैरिफ पर पीएम मोदी का करारा जवाब “किसानों के हक़ पर सौदा नहीं होगा, चाहे जो कीमत चुकानी पड़े!!
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मीडिया के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर जवाब दिया है। एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी सम्मेलन के मंच से मोदी ने दो टूक कहा,
“हमारे किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्यमियों के हितों पर कभी समझौता नहीं होगा। चाहे मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े, मैं पीछे नहीं हटूंगा।”
यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर 25% अतिरिक्त सेकेंडरी टैरिफ लगाकर कुल शुल्क को 50% तक पहुंचा दिया है।
मोदी का सख़्त संदेश: भारत डरने वाला नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल किसानों के हक़ में आवाज़ उठाई, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी नीतियों में विदेशी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि,
“भारत की नीतियां ‘लोकतंत्र’ और ‘किसानों के हित’ पर आधारित हैं, किसी और देश के दबाव पर नहीं।”
यह टिप्पणी सीधे अमेरिका के उस फैसले के बाद आई, जिसमें कहा गया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे, वरना आर्थिक दंड भुगतना होगा।
टैरिफ विवाद: अब तक क्या हुआ?
मुद्दा | विवरण |
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अमेरिका का फैसला | भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया गया, जिसमें 25% बेस टैरिफ और 25% अतिरिक्त सेकेंडरी टैरिफ शामिल |
कारण | अमेरिका के अनुसार, भारत रूस से तेल खरीदकर ‘युद्ध अर्थव्यवस्था’ को बढ़ावा दे रहा है |
भारत की प्रतिक्रिया | भारत ने इसे पक्षपाती और अनुचित कार्रवाई बताया, क्योंकि इसी तरह की खरीद चीन और अन्य देशों द्वारा भी की जा रही है |
वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति
भारत ने यह साफ़ कर दिया है कि वह रूस से ऊर्जा खरीद जारी रखेगा, क्योंकि यह उसकी आंतरिक जरूरतों और किफायती विकास की रणनीति का हिस्सा है। साथ ही, भारत अमेरिका के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय व्यापार सिद्धांतों के खिलाफ मान रहा है।
क्या बोले जानकार?
वाणिज्य विशेषज्ञों के अनुसार, मोदी सरकार का यह रुख संकेत देता है कि भारत भविष्य में अपने व्यापारिक निर्णयों को और भी स्वतंत्र बनाएगा। साथ ही, घरेलू किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संरक्षण देना शीर्ष प्राथमिकता बनी रहेगी।
पीएम मोदी का यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक संप्रभुता और कृषि हितों की सुरक्षा का स्पष्ट संदेश है। यह दिखाता है कि भारत आज अपने फैसले खुद लेता है — न किसी धमकी से डरता है, न दबाव में आता है।