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क्या समाजवादी पार्टी के कहने पे हुआ लखीमपुर खीरी हिंसा!

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Breaking News : क्या लखीमपुर खीरी हिंसा के पीछे समाजवादी पार्टी और खालिस्तान टास्क फोर्स का हाथ है?

Video Source: Zee News

हिंसा में 9 की मौत, जांच की मांग तेज

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई इस हिंसा में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता, 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर और 1 पत्रकार की जान चली गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरी घटना की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने का ऐलान किया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को ₹45 लाख और घायलों को ₹10 लाख का मुआवज़ा देने की घोषणा की गई है।


हिंसा से पहले बना था व्हाट्सऐप ग्रुप

पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि हिंसा की साजिश पहले से रची गई थी। एक व्हाट्सऐप ग्रुप, जिसका नाम ‘ललकार किसान’ था, को हिंसा से पहले बनाया गया था। इस ग्रुप में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुराने वीडियो शेयर किए गए और संदेश लिखा गया – “इससे बदला लेना है“।
सूत्रों के मुताबिक, यह ग्रुप खालिस्तान टास्क फोर्स के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था। पुलिस अब इस ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है।

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आरोपों की राजनीति और विरोधाभासी बयान

हिंसा के बाद राजनीतिक दलों की सियासत भी तेज हो गई है। कोई इसे सरकार की विफलता बता रहा है तो कोई इसे अराजक तत्वों की साजिश कह रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में अब तीन पक्ष सामने आ रहे हैं, जिनमें से हर एक अपने दावे के साथ खड़ा है:


पक्ष 1: किसानों को गाड़ी से कुचला गया

पहला पक्ष यह है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मिश्रा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने जा रहे थे। इसी दौरान उनकी गाड़ी ने सड़क पर खड़े किसानों को कुचल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गाड़ी की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा थी, जिससे दो गाड़ियाँ पलट गईं और कई लोग मारे गए।


पक्ष 2: गाड़ी का ड्राइवर मारा गया

दूसरे पक्ष का दावा है कि गाड़ी आशीष मिश्रा नहीं, बल्कि ड्राइवर हरिओम मिश्रा चला रहे थे। आक्रोशित भीड़ ने ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद बीजेपी के दो अन्य कार्यकर्ताओं की भी हत्या कर दी गई


पक्ष 3: पथराव के कारण भगदड़ में हादसा

तीसरा पक्ष कहता है कि जब बीजेपी के नेता केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने के लिए गाड़ियाँ जा रही थीं, तब किसानों ने उन पर पथराव किया। घबराहट में गाड़ी चालक ने रफ्तार बढ़ाई जिससे हादसा हुआ। पुलिस ने भी इस थ्योरी की आशंका जताई है।
हिंसा के दौरान कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को आगजनी और तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है।