Breaking News : राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वे धमकियों से नहीं डरते।
Video Source: TIMES NOW Novbharat
मीडिया के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए “वोट चोरी” के आरोप पर चुनाव आयोग (EC) ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट कर दिया कि बिना कानूनी प्रक्रिया और ठोस सबूत के किसी का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जा सकता।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी का नाम सीधे लिए बिना कहा कि वोटर के फोटो, नाम और पहचान सार्वजनिक करना गलत है और यह निजता का उल्लंघन है।
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार
राहुल गांधी ने हाल ही में अपनी “वोट अधिकार यात्रा” के दौरान आरोप लगाया था कि वोट चोरी हो रही है। इस पर जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा:
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“हमारे लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी बराबर हैं।”
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“वोट चोरी जैसी बातें निराधार और भ्रामक हैं।”
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“अगर किसी को शिकायत है तो कोर्ट का दरवाज़ा हमेशा खुला है।”
केवल भारतीय नागरिक ही डाल सकते हैं वोट: EC
मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ किया कि संविधान के अनुसार केवल भारतीय नागरिक ही चुनाव में मतदान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर किसी विदेशी नागरिक का नाम मतदाता सूची में आ गया है, तो स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में उसकी जांच कर नाम हटाया जाएगा।
डुप्लिकेट EPIC कार्ड पर बड़ा खुलासा
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मार्च 2025 में लगभग 3 लाख मतदाताओं के EPIC नंबर डुप्लिकेट पाए गए थे, जिनमें से सभी को बदल दिया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग राज्यों की मतदाता सूची में पाया जाता है, तो उसका समाधान किया जाएगा।
चुनाव परिणामों में गड़बड़ी पर EC की सफाई
चुनाव आयोग ने कहा कि अगर किसी को नतीजों पर संदेह है तो कानून के तहत 45 दिन के भीतर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिए। इस अवधि के बाद आरोप लगाना केवल राजनीतिक मंशा दर्शाता है।
EC का बड़ा बयान
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही चुनाव आयोग ने कहा:
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“हर राजनीतिक दल का पंजीकरण चुनाव आयोग में होता है।”
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“हमारे लिए सब बराबर हैं। न कोई पक्ष है, न विपक्ष।”
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“संवैधानिक कर्तव्य निभाना ही चुनाव आयोग की प्राथमिकता है।”
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया और साफ कहा कि भारत में मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है। साथ ही EC ने मतदाता सूची की पारदर्शिता और सुरक्षा की गारंटी दी।