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लोकसभा में चुनाव के सुधारों पर चली गरमागरम बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखे हमले बोले!

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Breaking News: लोकसभा में अमित शाह के भाषण की PM मोदी ने की तारीफ़ – चुनाव सुधारों पर तीखी बहस, विपक्ष पर जमकर हमला!

Video Source: Amit Shah

मीडिया के अनुसार, लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधारों पर चली गरमागरम बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखे हमले बोले। उन्होंने ‘SIR’ मुद्दे पर सरकार का पक्ष मजबूती से रखा और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों पर “घुसपैठियों को संरक्षण देने” का आरोप लगाया। गृह मंत्री के इस भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुलकर तारीफ की है।

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अमित शाह बोले — “एक भी घुसपैठिया देश में नहीं रहने देंगे”

अमित शाह ने विपक्ष द्वारा लगाए गए “वोट चोरी” एवं SIR संबंधी आरोपों पर कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा:

“हमारी नीति है—घुसपैठियों को खोजो, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाओ और उन्हें देश से बाहर करो।
विपक्ष की नीति है—घुसपैठियों को मान्यता दो और वोटर लिस्ट में शामिल करो।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर अवैध घुसपैठ को बढ़ावा नहीं देने देगी।


बिहार चुनाव का ज़िक्र कर विपक्ष पर तंज

अमित शाह ने हाल ही के बिहार चुनाव नतीजों का उल्लेख करते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया:

  • “विपक्ष ने वोट चोरी का आरोप लगाया।”

  • “घुसपैठिया बचाओ यात्रा निकाली।”

  • “फिर भी NDA दो-तिहाई बहुमत के साथ जीता।”

उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव हारता है और फिर चुनाव आयोग, EVM और मतदाता सूची को गलत ठहराने लगता है।
शाह ने कहा — “कांग्रेस की हार का कारण EVM नहीं, उनकी नेतृत्व क्षमता है।”


लोकसभा में अमित शाह ने गिनाईं ‘वोट चोरी’ की तीन ऐतिहासिक घटनाएं

गृह मंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए इतिहास के तीन उदाहरण दिए:

 सरदार पटेल बनाम जवाहरलाल नेहरू

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चयन के दौरान पटेल को 28 वोट मिले, नेहरू को केवल 2, “लेकिन PM नेहरू बने।”

 इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण केस (1975)

अमित शाह ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को “अवैध” ठहराया था, जिसे बाद में कानून बदलकर बचाया गया।

 जजों की सुपरसीडिंग का प्रकरण

उन्होंने आरोप लगाया कि इमरजेंसी काल में इंदिरा गांधी ने वरिष्ठ जजों को बायपास कर अपनी पसंद के जज को चीफ़ जस्टिस बनाया—इसे भी वोट/लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ बताया।


EVM विवाद पर शाह का पलटवार — “गलत साबित करो तो मानें”

अमित शाह ने EVM और VVPAT से जुड़े विपक्षी आरोपों का क्रमवार जवाब दिया:

  • “EVM देश में राजीव गांधी लेकर आए थे।”

  • “सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में इसे वैध माना।”

  • “2004 और 2009 में जब विपक्ष जीता—EVM पर सवाल नहीं उठाए।”

  • “मिलान किए गए 16,000 VVPAT-EVM में एक भी वोट mismatch नहीं पाया गया।”

उन्होंने कहा कि आज चुनाव चोरी असंभव है क्योंकि EVM के कारण “बैलट बॉक्स लूटने का दौर खत्म हो गया है।”


सीसीटीवी फुटेज की मांग पर जवाब

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि:

  • कोई भी नागरिक 45 दिनों के भीतर हाईकोर्ट जाकर सीसीटीवी फुटेज की मांग कर सकता है

  • राजनीतिक दल भी यह अधिकार रखते हैं

  • लेकिन “कोई जाता नहीं, केवल आरोप लगाए जाते हैं”


घुसपैठियों पर विपक्ष को सीधी चेतावनी

अमित शाह ने कहा:

“हम एक भी घुसपैठिये को वोट नहीं देने देंगे। चाहे विपक्ष 200 बार बहिष्कार करे।”

उन्होंने बताया कि भारत–बांग्लादेश सीमा पर 1600 किमी तक सुरक्षा दीवार बन चुकी है।
अभी अधूरी हिस्सेदारी का बड़ा भाग पश्चिम बंगाल में है, जिस पर उन्होंने TMC को घेरा।


आरएसएस व संस्थानों के मुद्दे पर भी तीखी टिप्पणी

उन्होंने कहा:

  • “आरएसएस से आए लोग किसी कानून के खिलाफ नहीं। मैं भी RSS से हूं और जनादेश से यहां हूं।”

  • उन्होंने 1971 के राष्ट्रपति चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने “अंतरात्मा की आवाज़” के नाम पर परिणाम प्रभावित किया था।


370, CAA, राम मंदिर और SIR पर विपक्ष को निशाना

अमित शाह ने कहा:

  • “आपने अनुच्छेद 370 का विरोध किया — हम जीते।”

  • “आपने CAA का विरोध किया — हम जीते।”

  • “आपने राम मंदिर का विरोध किया — हम जीते।”

  • “SIR का विरोध करोगे तो बंगाल और तमिलनाडु में भी आपको साफ़ कर देंगे।”

उन्होंने कहा कि जनता का फैसला ईश्वरतुल्य है और विपक्ष की “वोट चोरी” वाली कहानी जनता नहीं मानती।


PM मोदी ने की भाषण की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह के भाषण की सराहना करते हुए कहा कि गृह मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का “तथ्यपूर्ण, मजबूत और चुनौतीपूर्ण” जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि अमित शाह का वक्तव्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर जनता का भरोसा मजबूत करता है।