Breaking News : पुतिन ने पीएम मोदी का 10 मिनट इंतज़ार किया, फिर दोनों एक ही कार में बैठकर द्विपक्षीय वार्ता स्थल पहुंचे!
Video Source: DD News
मीडिया के अनुसार, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया ने भारत और रूस की मजबूत दोस्ती की झलक देखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन न सिर्फ एक साथ मंच पर दिखे, बल्कि एक ही कार (Aurus Limousine) में बैठकर द्विपक्षीय मीटिंग स्थल तक पहुंचे। खास बात यह रही कि पुतिन ने पीएम मोदी का करीब 10 मिनट इंतज़ार किया, ताकि दोनों साथ-साथ कार से रवाना हो सकें।
SCO समिट में भारत–रूस की “स्पेशल बॉन्डिंग”
✔️ चीन की धरती पर मोदी–पुतिन की मुलाकात को विश्व मीडिया ने “ग्लोबल मैसेज” बताया।
✔️ दोनों नेताओं की बातचीत ने संकेत दिया कि भारत और रूस कठिन समय में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
✔️ अंतरराष्ट्रीय राजनीति में यह मुलाकात अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए भी एक स्ट्रॉन्ग मैसेज मानी जा रही है।
एक घंटे से ज्यादा चली द्विपक्षीय वार्ता
बैठक में वैश्विक शांति, सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा सहयोग और बहुपक्षीय मंचों (UN, BRICS, SCO) पर सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
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पीएम मोदी ने कहा कि संघर्षों को खत्म कर स्थायी शांति लाने का रास्ता ढूंढना जरूरी है।
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वहीं पुतिन ने मोदी को “प्रिय मित्र” और “प्रिय प्रधानमंत्री” कहते हुए रिश्तों की 15 साल पुरानी मजबूत साझेदारी को याद किया।
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बैठक में पर्यटन, तकनीक और आपसी निवेश पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।
पुतिन की ‘Aurus’ कार बनी आकर्षण का केंद्र
मुलाकात जितनी खास थी, उतनी ही खास रही पुतिन की Aurus Limousine, जिसमें दोनों नेता साथ बैठे।
यह कार सुरक्षा और तकनीक के लिहाज़ से किसी चलते-फिरते किले से कम नहीं है।
कार की विशेषताएँ:
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बुलेटप्रूफ और बम-प्रूफ सुरक्षा
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केमिकल अटैक से भी बचाव
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598 हॉर्सपावर इंजन, 6 सेकेंड में 0–249 किमी/घंटा स्पीड
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इमरजेंसी एग्जिट और कम्युनिकेशन सिस्टम
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कीमत लगभग ₹3 करोड़, इसे “Russian Rolls Royce” भी कहा जाता है
पुतिन ने फरवरी 2024 में यही कार उत्तर कोरिया के किम जोंग उन को गिफ्ट की थी। विदेश यात्राओं में वे हमेशा अपनी यह कार साथ लेकर चलते हैं।
ग्लोबल मैसेजिंग: तस्वीरों में छुपा कूटनीतिक संदेश
दुनिया की एजेंसियों ने इस तस्वीर को बड़े पैमाने पर कवर किया।
तस्वीर ने बताया – भारत–रूस की दोस्ती सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं, बल्कि दिल से गहरी है।
अमेरिका और पश्चिमी देशों को यह संदेश गया कि भारत अपने फैसले स्वतंत्र रूप से लेता है।
भारत ने साफ कर दिया कि टैरिफ प्रेशर या किसी की दखलअंदाजी को वह अपनी विदेश नीति पर हावी नहीं होने देगा।
SCO समिट 2025 का सबसे चर्चित पल मोदी और पुतिन की दोस्ती रहा।
दोनों नेताओं ने न सिर्फ एक साथ बैठकर दुनिया को संदेश दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत और रूस की मित्रता आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी।