Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरे पास बड़ी योजनाएं हैं और किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है।
Video Source: Aaj Tak
मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कई ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने राम मंदिर को लेकर विपक्ष की राजनीति, “यह तो सिर्फ ट्रेलर है” के अपने चर्चित बयान, 2047 तक के भारत के विजन, और ईडी के कार्यों पर बेबाक राय रखी।
राम मंदिर बना, अब विपक्ष के हाथ से मुद्दा निकल गया: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“राम मंदिर उनके (विपक्ष) लिए सिर्फ एक राजनीतिक हथियार था। अब हुआ क्या? मंदिर बन गया और उनके हाथ से मुद्दा निकल गया।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन अब आस्था और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है, न कि सियासी विवाद का।
“यह तो सिर्फ ट्रेलर है”: क्या है इसका मतलब?
प्रधानमंत्री ने “यह तो सिर्फ ट्रेलर है” बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कथन का अर्थ यह नहीं है कि उनका उद्देश्य किसी को डराना है, बल्कि यह भारत के विकास के बड़े और दूरदर्शी योजनाओं की झलक है।
“मेरे निर्णय किसी को डराने या दबाने के लिए नहीं होते, बल्कि राष्ट्र निर्माण और विकास के लिए होते हैं।”
उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत बड़े प्लान्स हैं, और उनका हर फैसला 2047 के विजन की दिशा में एक कदम है।
2047 का लक्ष्य: आज़ादी के 100 साल का माइलस्टोन
प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 को भारत की आज़ादी के 100 साल का महत्त्वपूर्ण पड़ाव बताया और कहा कि
“यह 25 साल (2022 से 2047) देश के लिए स्वर्णिम युग हो सकता है। हर संस्थान को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि 2024 के चुनाव और 2047 के विजन को मिक्स नहीं करना चाहिए — दोनों अलग-अलग, लेकिन महत्वपूर्ण हैं।
हर वोटर और बूथ वर्कर महत्वपूर्ण है
प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की गरिमा की बात करते हुए कहा कि चुनाव में सिर्फ उम्मीदवार नहीं, हर मतदाता और बूथ स्तर का कार्यकर्ता भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
“यह कहना गलत है कि किसी का कोई महत्व नहीं है।”
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र इतना व्यापक और सफल चुनाव प्रक्रिया संचालित नहीं कर पाता।
“नेता मूर्ख बना रहे हैं”: विरोधियों के विरोधाभासी बयानों पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई नेताओं के बयान खुद उनके ही पुराने बयानों का खंडन करते हैं।
“एक नेताजी कहते हैं कि वे एक झटके में गरीबी हटा देंगे, जबकि वे खुद 5-6 दशक शासन कर चुके हैं। अब जनता समझदार है, वो पूछती है – क्या अब तक आप सो रहे थे?”
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
“नाच न जाने आंगन टेढ़ा”: विपक्ष की हार की तैयारी पहले से शुरू
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा:
“जब नाच नहीं आता तो आंगन टेढ़ा बता देते हैं। कभी ईवीएम को दोष देते हैं, कभी चुनाव आयोग को। हार का ठीकरा पहले से ही दूसरों पर फोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के कई नेता जेल में हैं, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
“डर पाप का होता है, ईमानदार को डर नहीं लगता।”
ईडी पर सफाई: “सिर्फ 3% केस राजनीतिक”
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की निष्पक्षता पर भी विस्तार से बात की:
-
सिर्फ 3% केस ही राजनीतिक लोगों पर हैं
-
97% केस ड्रग माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर हुए हैं
-
2014 से पहले सिर्फ ₹5,000 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई थी
-
2014 के बाद ₹1 लाख करोड़ से अधिक संपत्ति अटैच की गई
-
2200 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई, जिसे रखने में 70 ट्रक लगेंगे
“2014 से पहले ED ने सिर्फ ₹34 लाख कैश जब्त किया था, जो एक स्कूल बैग में आ जाता है।”
मजबूत नेतृत्व, स्पष्ट विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस इंटरव्यू ने एक बात स्पष्ट कर दी है — उनका नेतृत्व विकासपरक है, दूरदर्शी है और राष्ट्रहित में है।
2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अब योजनाओं और कार्यों में परिवर्तित हो चुका है। विपक्षी दलों की राजनीति और आरोपों के बीच पीएम मोदी का फोकस सुशासन और पारदर्शिता पर बना हुआ है।
