Breaking News: पाकिस्तान पर भारत का जबरदस्त प्रहार, सिंधु जल संधि स्थगित, वीज़ा रद्द और दूतावास में कटौती!
Video Source: Dainik Jagran
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा रद्द करके तुरंत दिल्ली लौटकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस हाई-लेवल मीटिंग में आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले लिए गए हैं, जो आने वाले समय में पाकिस्तानी हुकूमत के लिए गंभीर संकट साबित हो सकते हैं।
1. सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए किया गया स्थगित
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को भारत ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह संधि लागू नहीं होगी। यह फैसला पाकिस्तान के लिए आर्थिक और कृषि दृष्टि से गंभीर झटका माना जा रहा है।
2. अटारी चेक पोस्ट को पूरी तरह बंद करने का निर्णय
भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र चालू इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट, अटारी को सरकार ने तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। जो भी व्यक्ति वैध वीज़ा पर इस रास्ते भारत आया है, उसे 1 मई तक इसी रास्ते से देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
3. पाक नागरिकों के वीज़ा रद्द: 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश
भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को रद्द कर दिया गया है। पहले से जारी सभी वीज़ा अवैध घोषित कर दिए गए हैं और पाक नागरिकों को 48 घंटों में भारत छोड़ने को कहा गया है। अब पाकिस्तानियों को भारत यात्रा के लिए किसी भी प्रकार की वीज़ा छूट नहीं दी जाएगी।
4. पाकिस्तानी दूतावास से सैन्य अधिकारियों की छुट्टी
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायुसेना के सभी सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर दिया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसी तरह, भारत ने भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सभी सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।
5. दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या में कटौती
भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा। यह प्रक्रिया 1 मई तक पूरी की जाएगी। इसके तहत उच्चायोगों में तैनात 5 सहायक कर्मियों को भी वापस बुलाया जाएगा।
विदेश सचिव का बयान: “ये सिर्फ शुरुआत है, और कड़े कदम उठाए जाएंगे”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा,
“CCS ने पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। यह हमला न केवल भारत की संप्रभुता पर हमला है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। हमलावरों और उनके मददगारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
पीएम मोदी ने जताई संवेदना, लेकिन दिखा आक्रोश भी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि सरकार शहीदों के परिवारों के साथ खड़ी है और जो घायल हुए हैं, उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अब आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा।