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CBI की FIR में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम, दिल्ली की राजनीति में फिर बवाल!

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Breaking News : दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब CBI के शिकंजे में!

Video Source: Aaj Tak

आबकारी नीति में कथित घोटाले की जांच, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री भी रडार पर

मीडिया के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को देश के 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 21 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर की गई है।
CBI की इस छापेमारी का मुख्य फोकस चार प्रमुख लोगों पर रहा, जिनमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम प्रमुखता से सामने आया है।

किन-किन पर छापा?

CBI की जांच जिन लोगों पर केंद्रित रही, वे हैं:

  • मनीष सिसोदिया (उपमुख्यमंत्री, दिल्ली)

  • आरव गोपी कृष्ण (पूर्व आबकारी आयुक्त)

  • आनंद कुमार तिवारी (पूर्व डिप्टी आबकारी आयुक्त)

  • एक अन्य सरकारी अधिकारी जिनकी पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है।

सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान एजेंसी ने दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फाइलें जब्त की हैं, जिन्हें कथित घोटाले के सबूत के रूप में खंगाला जा रहा है।

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दिल्ली की शिक्षा नीति पर भी उठे सवाल: इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा, पर क्या है ज़मीनी सच्चाई?

जहाँ एक ओर दिल्ली सरकार शिक्षा मॉडल की तारीफ करती रही है, वहीं स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों की राय इससे काफी अलग दिखाई दे रही है।

प्रतिभा विकास स्कूलों में एडमिशन क्यों बंद?

दिल्ली के अभिभावकों ने बताया कि:

  • पिछले तीन साल से ‘प्रतिभा विकास विद्यालयों’ में एडमिशन बंद हैं।

  • इन स्कूलों की जगह अब दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) की क्लासेस चलाई जा रही हैं।

  • कई अध्यापक और छात्र DBSE के पैटर्न को लेकर असमंजस में हैं।

  • छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में नजर आ रहा है, क्योंकि DBSE का पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रिया अभी भी स्पष्ट नहीं है।

स्थानीय लोगों की शिकायत

स्थानीय लोगों का कहना है कि:

“स्कूल की इमारतें जरूर चमक रही हैं, लेकिन अंदर की शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा रही है। जब प्रतिभा विकास जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों में एडमिशन ही बंद है, तो शिक्षा का विस्तार कहाँ हो रहा है?”


शिक्षा और शासन दोनों पर सवाल

CBI की छापेमारी ने जहां दिल्ली सरकार की शासन व्यवस्था और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी लोगों में निराशा और असमंजस का माहौल नजर आ रहा है।

अब देखना होगा कि:

  • क्या CBI की जांच से आबकारी नीति का सच सामने आएगा?

  • क्या सरकार शिक्षा व्यवस्था की मौजूदा कमियों पर पुनर्विचार करेगी?