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इंडी गठबंधन में दलों का दोगला चरित्र बार-बार उजागर हो रहा है।

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Breaking News : इंडिया गठबंधन में एकजुटता का बड़ा-बड़ा राग अलापने वाले ने मध्य प्रदेश में एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष करते नजर आ रहे हैं!

Video Source: TIMES NOW Navbharat

राजनीतिक मजबूरी या अवसरवाद?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, INDIA (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन में शामिल दलों की दोहरी रणनीति और विवादास्पद राजनीति अब साफ़ तौर पर उजागर हो रही है। एक ओर जहां ये दल एकता का दिखावा करते हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य स्तर पर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं


उत्तर प्रदेश: कांग्रेस और सपा आमने-सामने

उत्तर प्रदेश का हालिया घटनाक्रम इस आंतरिक दरार को गहराई से दिखाता है। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर आने का दावा करते हैं, वहीं राज्य की राजनीति में सीधी टक्कर में उतर गई हैं

दोनों ही पार्टियों ने कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन से ज्यादा महत्वपूर्ण ‘अपनी’ राजनीति है।

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मध्य प्रदेश: 5 सीटों पर संघर्ष, बढ़ी कटुता

मध्य प्रदेश में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। अब तक घोषित उम्मीदवारों की सूची के अनुसार, कम से कम 5 सीटों पर कांग्रेस और सपा आमने-सामने हैं। यह संघर्ष सिर्फ सीटों तक सीमित नहीं, बल्कि दलित, अल्पसंख्यक और यादव मतदाताओं को लेकर भी टकराव सामने आ गया है।

सपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने सहयोग के संकेत तो दिए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सहयोग नहीं किया। इसके चलते सपा ने नाराज होकर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।


दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में भी टकराव

INDIA गठबंधन में दरार केवल कांग्रेस और सपा तक सीमित नहीं है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच भी मतभेद साफ दिखाई दिए। एक ओर जहां मंच पर एकता का नारा दिया गया, वहीं दूसरी ओर पीठ पीछे एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए गए।


सहयोग की जगह ‘सियासी स्वार्थ’ हावी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि INDIA गठबंधन नीति और विचारधारा की एकता के बजाय, सत्ता की राजनीति के लिए बना हुआ मंच बनकर रह गया है। जब सीटों की बारी आती है, तो सभी दल अपने-अपने क्षेत्रीय हितों को प्राथमिकता देते हैं

मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा घोषित उम्मीदवारों ने अखिलेश यादव की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, जो इस बात की आशा कर रहे थे कि कांग्रेस कुछ सीटें उनके लिए छोड़ेगी। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो सपा ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।


मुख्य बिंदु (Highlights):

  • उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच खुला संघर्ष

  • मध्य प्रदेश की पांच सीटों पर टकराव, सपा ने नाराज़ होकर उम्मीदवार घोषित किए

  • दलित, अल्पसंख्यक, और यादव वोटबैंक पर मतभेद

  • दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप

  • गठबंधन से ज्यादा दलों के ‘व्यक्तिगत हित’ सामने

  • अखिलेश यादव की सीटों की उम्मीद टूटी, कांग्रेस पर नाराज़गी बढ़ी


क्या INDIA गठबंधन टिक पाएगा?

INDIA गठबंधन की मौजूदा स्थिति इस बात की ओर संकेत करती है कि यह केवल चुनावी गठबंधन नहीं, बल्कि अंतर्विरोधों से भरा मंच है। जहां मंच पर एकता दिखाई जाती है, वहीं पर्दे के पीछे सियासी दांव-पेंच और सीटों की रस्साकशी चल रही है।

अगर यही स्थिति बनी रही, तो विपक्ष की एकजुटता का सपना अधूरा रह सकता है, और मतदाता भी इस भ्रमित राजनीति से किनारा कर सकते हैं।