Breaking News : ‘नोएडा फैक्टर’ से लेकर 71 साल से जमा वो रिकॉर्ड जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार तोड़े!
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मीडिया के अनुसार, उत्तर प्रदेश में भाजपा की जबरदस्त जीत के साथ ही कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड टूटे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, जो एक खास उपलब्धि है। आपको बता दें कि 20 मई 1950 को उत्तर प्रदेश विधान सभा का गठन हुआ था और पिछले 71 वर्षों में कुल 21 मुख्यमंत्री प्रदेश को मिले हैं। लेकिन जो रिकॉर्ड योगी आदित्यनाथ ने बनाए हैं, वह किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने नहीं बनाया।
योगी आदित्यनाथ का इतिहास में नाम
योगी आदित्यनाथ वह पहले भाजपा के मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। भाजपा शासन में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही व्यक्ति ने लगातार पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली हो। यह योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और उनकी नीतियों का ही परिणाम है।
इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने कई अन्य रिकॉर्ड भी तोड़े हैं। वे 34 साल से चले आ रहे नोएडा फैक्टर को तोड़कर जीत हासिल करने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। साथ ही, 71 सालों में पहली बार कोई मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार पूर्ण कार्यकाल पूरा करके फिर से मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ 15 वर्षों में पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जिन्होंने विधायक के रूप में शपथ ली है। इससे पहले 2007 में मायावती और 2012 में अखिलेश यादव विधान परिषद सदस्य रहते मुख्यमंत्री बने थे।
7 में मायावती और 2012 में अखिलेश यादव ने विधान परिषद सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
जनता का भरोसा और विकास का रास्ता
उत्तर प्रदेश की जनता आम तौर पर हर पांच साल में बदलाव करने के लिए जानी जाती है, लेकिन इस बार जनता ने फिर से भाजपा और योगी आदित्यनाथ पर विश्वास जताया। इसका एक बड़ा कारण योगी आदित्यनाथ का विकास पर जोर देना और साथ ही कई मिथकों को तोड़ना भी रहा।
योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव लड़ते हुए नोएडा जैसे महानगर की धरती पर कदम रखा और एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इससे पहले जो भी नेता ऐसा करने की हिम्मत करता था, वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाते थे।
पांच राज्यों में भाजपा का दबदबा
पांच राज्यों में हाल ही हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पंजाब को छोड़कर बाकी चार राज्यों में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों ने पार्टी के अंदर जोश और आत्मविश्वास को नई ऊँचाई दी है।
यदि आप सोच रहे हैं कि इतनी बड़ी जीत के बाद भाजपा आराम के मूड में है, तो यह आपकी धारणा गलत है। भाजपा अब से ही ‘मिशन 2024’ की रणनीति बनाने में जुट गई है, जिससे देश की राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।
बहुमत के आंकड़े और सहयोगी दलों का योगदान
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले 255 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। यदि सहयोगी दलों की जीत को जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा 270 से ऊपर पहुंच जाएगा।
इसके साथ ही, उत्तराखंड में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की है और सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल के सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी। मणिपुर में भी भाजपा ने 32 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो बहुमत से कहीं अधिक है। गोवा में भी भाजपा 20 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है।