Breaking News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को दिखाया आइना और कहा भारत की जनता विभाजनकारी को स्वीकार नहीं करेगी!
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मीडिया के अनुसार, उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद में एक रैली के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की तुलना मुहम्मद अली जिन्ना से कर “शर्मनाक बयान” दिया है। योगी ने कहा कि जिन्ना जैसे विभाजनकारी नेता को सरदार पटेल से जोड़ना “तालिबानी मानसिकता” को दर्शाता है और इससे भारत की जनता “अपमानित” महसूस करती है।
योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा,
“सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया, जबकि जिन्ना ने देश को बांटने का। अखिलेश यादव को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी जाति और संप्रदाय के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करती रही है, और जब इसमें सफल नहीं होती, तो महापुरुषों को विवादों में घसीटने का प्रयास करती है।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया और कहा कि,
“2017 से पहले जिन लोगों को आवास नहीं मिलता था, आज हमारी सरकार ने 45 हजार से ज्यादा लोगों को घर देने का कार्य किया है। पिछली सरकारें केवल अपने परिवार तक सीमित थीं।”
अखिलेश यादव का बयान
इस विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब अखिलेश यादव ने हरदोई जिले में एक जनसभा के दौरान कहा कि,
“सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना — ये सभी एक ही संस्थान से पढ़कर निकले और बैरिस्टर बने।”
इस बयान को भाजपा नेताओं ने “देशविरोधी मानसिकता” बताकर आलोचना की, जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से स्पष्ट किया गया कि उनका उद्देश्य ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत करना था, न कि किसी की तुलना करना।
सियासी तापमान चढ़ा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये बयानबाजी 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ा सकती है। जहाँ एक ओर भाजपा इसे राष्ट्रवाद और राष्ट्रनायकों के सम्मान का मुद्दा बना रही है, वहीं सपा इसे भाजपा की ‘बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति’ बता रही है।