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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को लेकर बड़ी बात कह दी है!

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Breaking News : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, भगवान शिव का मंदिर है!

Video Source: Zee News

ज्ञानवापी पर मुख्यमंत्री योगी का बड़ा बयान, मुस्लिम जमात ने बताया ‘अनुचित’, कोर्ट की प्रक्रिया पर दिया जोर

गोरखपुर | 22 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया। गोरखपुर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि

“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इसे मस्जिद कहते हैं, जबकि यह वास्तव में ‘भगवान शिव’ का स्थल है। यह मंदिर है, न कि मस्जिद।”

योगी ने आगे कहा कि जो भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं, वे इसकी असली पहचान को लेकर भ्रम से दुखी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि

“यह न केवल श्रद्धा में बाधा बनता है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए भी खतरा है।”

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मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी की प्रतिक्रिया: “मुख्यमंत्री सबके हैं”

मुख्यमंत्री के बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“ज्ञानवापी एक ऐतिहासिक मस्जिद है जो सैकड़ों साल पुरानी है। इसे मस्जिद कहना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताना एक संवेदनशील टिप्पणी है, जो उचित नहीं है।”

मौलाना ने मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना तो की, लेकिन साथ ही यह भी कहा:

“योगी जी एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें सभी धर्मों के नागरिकों का मुख्यमंत्री बनकर बोलना चाहिए। अदालत में विचाराधीन मामलों पर इस तरह की टिप्पणी से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।”


ज्ञानवापी मामला: क्या है पृष्ठभूमि?

  • ज्ञानवापी परिसर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है।

  • हिंदू पक्ष का दावा: यह स्थल प्राचीन मंदिर है, जिस पर मस्जिद बनाई गई थी।

  • मुस्लिम पक्ष का तर्क: यह मुगलकालीन वैध मस्जिद है, जिसका इतिहास प्रमाणित है।

  • मामला अदालत में विचाराधीन है, और कई बार सर्वे, GPR और ASI की जांच हो चुकी है।


राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रियाएं तेज

योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद

  • हिंदू संगठनों ने स्वागत किया है।

  • वहीं मुस्लिम पक्ष ने संविधान और न्याय प्रक्रिया का हवाला देते हुए संयम बरतने की अपील की है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी पर बयान एक बार फिर इस मुद्दे को धार्मिक और राजनीतिक बहस के केंद्र में ले आया है। जबकि मुस्लिम पक्ष संयम बरतने की सलाह दे रहा है, हिन्दू संगठनों को मुख्यमंत्री की स्पष्टवादिता पसंद आ रही है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय है कि अंतिम फैसला अदालत का ही मान्य होगा, और राजनेताओं को इससे दूर रहना चाहिए।