Breaking News : ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने वुजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया है!
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मीडिया के अनुसार, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बार फिर विवाद गर्मा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिनों तक चले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने वुजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया है। इस दावे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या ज्ञानवापी असल में एक मस्जिद है या यह किसी मंदिर का परिसर रहा है?
हिंदू पक्ष के अनुसार ज्ञानवापी मंदिर होने के 5 ठोस सबूत
1. वुजूखाने में मिला 12 फीट का शिवलिंग
तीन दिनों तक चले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने सोमवार को दावा किया कि वुजूखाने में 12 फीट लंबा शिवलिंग मिला है। हिंदू पक्ष के अनुसार, यह शिवलिंग नंदी की मूर्ति के पास पाया गया है। कोर्ट ने इस दावे के बाद आदेश जारी कर शिवलिंग के आसपास जाने पर रोक लगाई और प्रांगण को सुरक्षा देने का निर्देश दिया।
2. नंदी की दिशा शिवलिंग की ओर
हिंदू पक्ष का मानना है कि नंदी, जो भगवान शिव के वाहन और द्वारपाल माने जाते हैं, का मुख शिवलिंग की ओर है। यह संकेत इस बात का प्रमाण है कि यह स्थान कभी भगवान शिव का मंदिर रहा होगा।
3. मंदिर जैसी बनावट और कलाकृतियां
हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ज्ञानवापी की बनावट, दीवारें और कलाकृतियां पूरी तरह से मंदिर जैसी हैं। उनका कहना है कि मस्जिद की दीवारों में मंदिर की विशेष वास्तुकला के समान डिज़ाइन देखे जा सकते हैं।
4. पश्चिमी दीवार पर घंटी की आकृतियां
सर्वे के बाद यह भी दावा किया गया कि पश्चिमी दीवार पर घंटी की आकृतियां बनी हुई हैं, जो मस्जिद की दीवारों में असामान्य हैं। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद की दीवारों में इस तरह की आकृतियां होना संभव नहीं है।
5. औरंगजेब के दरबारी का दस्तावेज़
हिंदू पक्ष ने यह भी दावा किया कि औरंगजेब के दरबारी के दस्तावेज़ों में इस स्थान पर एक मंदिर का जिक्र है, साथ ही मंदिर को गिराने का उल्लेख भी मिलता है। यह दस्तावेज़ इस विवाद को और भी गहरा करता है।
शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष की प्रतिक्रिया
ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष ने खुशी जाहिर की और कहा कि जब तालाब का पानी हटाया गया तो वहां भगवान विश्वेश्वर की मूर्ति सामने आई। इसके बाद पूरे परिसर में ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे गूंज उठे।
हिंदू पक्ष ने अब पश्चिमी दीवार की और जांच की मांग की है, ताकि और प्रमाण जुटाए जा सकें।
अदालत का आदेश और आगे की कार्रवाई
कोर्ट ने शिवलिंग के मिलने के बाद उसके संरक्षण और सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने इस स्थान के चारों ओर लोगों के जाने पर रोक लगाई है ताकि किसी प्रकार की क्षति न हो। इस मामले की आगे जांच जारी है और भविष्य में इसका राजनीतिक और धार्मिक रूप से बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।