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अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय पोस्ट को हटाने की ड्रैगन की साजिश को भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया है!

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Breaking News : तवांग के पास यांग्स्ते इलाके में भारतीय सैनिकों ने चीन के करीब 300 सैनिकों को पीछे धकेल दिया!

Video Source: IndiaTV

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गत 9 दिसंबर को एक बड़ी और हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारत के छह जवान घायल हुए हैं, जबकि चीन के 19 से अधिक सैनिक गंभीर रूप से घायल होकर पीछे हटने पर मजबूर हुए। यह झड़प एक बार फिर से दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा तनाव को उजागर करती है।


300 से ज्यादा चीनी सैनिकों ने की घुसपैठ

9 दिसंबर को यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सेना ने करीब 17,000 फीट की ऊंचाई पर भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। यह हमला बड़ी संख्या में करीब 300 से अधिक चीनी सैनिकों ने किया। वे सभी कंटीले लाठी-डंडे, इलेक्ट्रिक बैटन और अन्य हथियारों से लैस होकर आए थे, जिसका मकसद भारतीय पोस्ट को हटाना था।

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भारतीय सैनिकों की बहादुरी ने किया हमला नाकाम

हालांकि, भारतीय सेना की तीन रेजीमेंटों ने पूरी तत्परता और साहस के साथ जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने चीनी सैनिकों को उनकी हरकतों में सफल नहीं होने दिया। भारतीय जवानों ने बिना किसी हथियार के, केवल कंटीले लाठी-डंडों से ही चीनी सैनिकों को करारी टक्कर दी और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया।


झड़प में हुए गंभीर नुकसान

इस झड़प के दौरान चीन के करीब 19 सैनिकों को गंभीर चोटें आईं। कई सैनिकों की हड्डियां टूटीं, कुछ के सिर फट गए, और वे गंभीर रूप से घायल होकर पीछे हटे। वहीं भारत के छह जवान घायल हुए हैं, जो उपचाराधीन हैं।


शांति बहाली के लिए हुई लोकल कमांडर की बैठक

झड़प के बाद 11 दिसंबर को दोनों देशों के स्थानीय कमांडरों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मीटिंग हुई। इस बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार के तनाव से बचने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर भी चीन के सामने उठाया है।


भारत-चीन सीमा विवाद: एक जटिल और लंबा संघर्ष

यह घटना भारत-चीन के बीच सीमा विवाद की लंबी कहानी का हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच बार-बार तनाव की खबरें आती रही हैं। तवांग सेक्टर भी उन क्षेत्रों में शामिल है जहां सीमा विवाद और सीमांत झड़पें होती रहती हैं। भारत लगातार सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ कर रहा है और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को कड़ी कार्रवाई से रोकता है।


भारतीय सेना का दृढ़ संकल्प और सीमा सुरक्षा

यह झड़प भारत की सीमा सुरक्षा और सैनिकों की बहादुरी का उदाहरण है। भारतीय जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सीमाओं की रक्षा की है और सीमा पर किसी भी प्रकार के किसी भी आक्रमण को सफल नहीं होने दिया। यह घटना भारत-चीन के बीच शांति बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी है, जिसके लिए दोनों देशों को कूटनीति और बातचीत को प्राथमिकता देनी होगी।