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भारत का ‘बाहुबली विक्रांत’ ‘कांपा’ चीन-पाकिस्तान!

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Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INS विक्रांत के रूप में भारत को समंदर का नया सूरमा दिया!

Video Source: Aaj Tak

मीडिया के अनुसार, INS विक्रांत के रूप में भारत को समंदर का नया सूरमा मिल गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत का जलावतरण किया। इस एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम भारतीय नौसेना के उस बहादुर ‘योद्धा’ के नाम पर रखा गया है जिसने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए थे। उसका भी नाम था विक्रांत, लेकिन नया विक्रांत कई मायनों में ज्यादा ताकतवर है। भारत अब अमेरिका, यूके, रूस, फ्रांस और चीन समेत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमता है। हिंदुस्तान के इस नए महारथी के आगे पाकिस्तान और चीन कहां खड़े हैं?

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आप को बता दे कि जब दो साल पहले भारत की धरती पर दुनिया के सबसे ताकतवर फाइटर जेट में से एक राफेल ने लैंडिंग की थी तो पड़ोसी पाकिस्तान में खलबली मच गई थी। उसने चीन से फाइटर जेट मांगना भी शुरू कर दिया था। बहरहाल, आईएनएस विक्रांत को देख चीन भी सतर्क हो गया होगा। अब उसकी दादागीरी के दिन जाने वाले हैं। जब हिंद महासागर में भारत का बादशाह उतर रहा हो तो दोनों पड़ोसी देशों की धुकधुकी बढ़ना लाजिमी है। समंदर के इस हिस्से पर चीन की नजर रहती है। दशकों पहले एक अमेरिकी जनरल ने कह दिया था कि हिंद महासागर पर दबदबे से ही 21वीं सदी में दुनिया का भविष्य तय होगा। ऐसे में दुनिया के देशों में होड़ बढ़ी दिखती है। चीन को रोकने के लिए भारत का यह सिकंदर काफी असरदार साबित होने वाला है।

यह पोत समंदर में जहां मौजूद होगा उसके आसपास करीब डेढ़ हजार मील के इलाके तक उसकी नजर होगी। दुश्मन यहां कोई हरकत करके बच नहीं सकता है। 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा यह जहाज 28 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह जंबो जहाज 30-30 टन के 30 प्लेन लेकर चल सकता है। इस जहाज को तैरता शहर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस पोत पर 1700 से ज्यादा क्रू मेबर्स की क्षमता है जिसमें महिला अधिकारियों के लिए स्पेशल केबिन भी शामिल हैं।