Breaking News : महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति की सुनामी में महाविकास आघाड़ी को करारी पराजय का सामना करना पड़ा!
Video Source: Aaj Tak
भाजपा की बेमिसाल सफलता: 149 में से 132 सीटों पर कब्जा
महाराष्ट्र की राजनीति में इतिहास रचते हुए, महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव 2025 में जबरदस्त जीत हासिल की है। इस जीत की सबसे बड़ी ताकत बनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जिसने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 132 सीटों पर विजय प्राप्त कर लगभग 90% सफलता दर हासिल की। यह पार्टी के अब तक के प्रदर्शन में सबसे प्रभावशाली जीतों में से एक मानी जा रही है।
महाविकास अघाड़ी को करारी शिकस्त, मात्र 48 सीटों पर सिमटी
महाविकास अघाड़ी (MVA) — जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी, और कांग्रेस शामिल हैं — को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। कुल मिलाकर गठबंधन मात्र 48 सीटों पर सिमट गया, जो उनके लिए एक बड़ा झटका है।
पार्टी | लड़ी गई सीटें | जीती गई सीटें |
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कांग्रेस | 101 | 16 |
एनसीपी (शरद पवार गुट) | 86 | 10 |
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) | 95 | 20 |
कुल जीत: 48 सीटें
AIMIM और अन्य दलों का प्रदर्शन
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी मालेगांव सेंट्रल सीट पर अपनी पकड़ कायम रखी। उनके उम्मीदवार ने महज 162 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को 2 सीटें मिलीं और अन्य छोटे दलों व निर्दलीयों ने मिलकर 10 सीटों पर जीत हासिल की।
महायुति की ताकत: भाजपा, शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी का प्रभाव
महायुति गठबंधन के अन्य सहयोगियों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया:
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एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना (शिंदे गुट) ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा और 57 सीटें जीतीं।
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अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी (अजित गुट) ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 सीटें जीतकर गठबंधन को और मज़बूती दी।
इस तरह महायुति की कुल सीटों की संख्या पहुंची:
132 (भाजपा) + 57 (शिवसेना-शिंदे गुट) + 41 (एनसीपी-अजित गुट) = 230 सीटें
2014 से बेहतर प्रदर्शन, भाजपा ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
2014 में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 122 सीटें जीती थीं। 2025 में, गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद, पार्टी ने 149 सीटों पर लड़कर 132 सीटों पर जीत दर्ज कर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कांग्रेस और सहयोगियों की रणनीति हुई फेल
जहां कांग्रेस ने 101 सीटों पर प्रत्याशी उतारे, वहीं जीत केवल 16 पर ही मिली।
शिवसेना (उद्धव) ने 95 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 20 पर जीत दर्ज की।
एनसीपी (शरद पवार) ने 86 सीटों पर दांव खेला और महज 10 सीटें ही जीत पाई।
हालांकि, आदित्य ठाकरे (वरली) और वरुण सरदेसाई (बांद्रा ईस्ट) की जीत ने पार्टी की साख को कुछ हद तक बचाया।
महाराष्ट्र की जनता ने “विकास” और “स्थिरता” को चुना
इस चुनाव के नतीजे साफ़ दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र की जनता ने स्थिर सरकार और विकास की राजनीति को प्राथमिकता दी है।
भाजपा के नेतृत्व में महायुति की यह जीत न केवल एक राजनीतिक विजय है, बल्कि यह जनता के विश्वास की भी पुष्टि है। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) को अब आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है कि आखिर उनकी रणनीतियाँ क्यों विफल हो रही हैं।