Breaking News : प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के COVID-19 वैक्सीनेशन लगवाने पर विपक्ष क्यों कर रहा सियासत!
Video Source: Zee News
मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मार्च की सुबह एम्स अस्पताल, दिल्ली में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण के तहत ‘कोवैक्सीन’ का पहला डोज लिया। इस दौरान उन्होंने असमिया गमछा पहना हुआ था और उन्हें वैक्सीन देने वाली दो नर्सों में से एक पुडुचेरी और दूसरी केरल की थीं।
प्रधानमंत्री मोदी की वैक्सीनेशन के समय ली गई तस्वीरें और वीडियो देशभर में वायरल हो गईं और विभिन्न राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का विषय बन गईं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी प्रचार और पब्लिसिटी स्टंट बताया। कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि गमछा और नर्सों की विविधता दिखाकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की गई है, खासकर ऐसे समय में जब असम, केरल और पुडुचेरी में चुनाव निकट हैं।
हालांकि, इससे पहले जब वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी, तब भी विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री के वैक्सीन न लेने को लेकर सवाल उठाए थे।
सरकार की सफाई
सरकार की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री ने अपनी बारी आने का इंतजार किया, क्योंकि पहले चरण में केवल हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जा रही थी। दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च से हुई, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को टीका लगाया जा रहा है। इसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन लगवाई।
कोवैक्सीन पर भरोसा
प्रधानमंत्री के कोवैक्सीन लगवाने को ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन के प्रति विश्वास जताने के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले कुछ वर्गों में स्वदेशी वैक्सीन को लेकर संकोच की स्थिति बनी हुई थी। भारत में फिलहाल दो वैक्सीनेशन विकल्प उपलब्ध हैं – कोवैक्सीन (भारत बायोटेक) और कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका सहयोग से)।
प्रधानमंत्री के इस कदम को जनता के बीच वैक्सीन को लेकर भरोसा बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है, हालांकि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं।