Breaking News : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा अयोध्या धाम का उत्सव लोगों ने देखा. नंदी बाबा ने भी कहा कि हम काहे इंतजार करें और हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं!
Video Source: Aaj Tak
महाभारत के किस्से से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – “हमारी आस्था का केंद्र हैं ये भूमि”
लखनऊ, 7 फरवरी 2024 — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान अयोध्या, काशी और मथुरा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इन तीन धार्मिक स्थलों को हिंदू आस्था का केंद्र बताते हुए महाभारत के एक प्रसंग का उल्लेख किया, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पांडवों के लिए केवल पांच गांव मांगे थे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“जैसे कृष्ण ने महाभारत में 5 गांव मांगे थे, वैसे ही हम सिर्फ 3 स्थल मांग रहे हैं – अयोध्या, काशी और मथुरा। ये हमारी आस्था का केंद्र हैं।”
बयान का वीडियो हुआ वायरल
मुख्यमंत्री के बयान का वीडियो स्वयं उनके आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से शेयर किया गया, जिसमें उन्होंने लिखा:
“हमने तो केवल 3 जगहें मांगीं… अयोध्या का उत्सव आपने देखा। नंदी बाबा ने कहा – हम काहे इंतजार करें… हमारे कृष्ण कन्हैया मानने वाले कहाँ हैं?”
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं — समर्थकों ने इसे आस्था की आवाज बताया, वहीं आलोचकों ने इसे शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।
शिक्षक भर्ती पर उठे सवाल
X (ट्विटर) पर कई यूजर्स ने योगी सरकार को शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर घेरा। एक यूजर ने लिखा:
“धर्म के मुद्दों में कब तक उलझाकर रखा जाएगा? 5 साल से यूपी में शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। अगर शिक्षक ही नहीं होंगे, तो देश का भविष्य कैसे शिक्षित होगा?”
दूसरे यूजर का कहना था कि:
“शिक्षित युवा सवाल पूछते हैं, इसलिए शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती।”
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ का यह बयान आगामी चुनावों से पहले हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को फिर से केंद्र में लाने का संकेत देता है। वहीं, विपक्ष और समाज का एक वर्ग इसे मूलभूत मुद्दों से ध्यान हटाने की रणनीति बता रहा है।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
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सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा को आस्था का केंद्र बताया
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महाभारत के 5 गांव प्रसंग से जोड़ा संदर्भ
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X पर बयान से जुड़ा वीडियो वायरल
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शिक्षक भर्ती, रोजगार पर सोशल मीडिया से तीखी प्रतिक्रियाएं
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राजनीतिक विश्लेषकों ने बयान को चुनावी रणनीति बताया