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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के खिलाफ FIR दर्ज कराया गया है।

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Breaking News : कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के बारे में की आपत्तिजनक टिप्पणी!

Video Source: Zee News

मीडिया के अनुसार, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिवंगत पिता के नाम पर की गई टिप्पणी का, जिसे लेकर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताते हुए लखनऊ और वाराणसी में एफआईआर दर्ज करवा दी है।


क्या कहा पवन खेड़ा ने?

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अडानी मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते समय उनके पिता का गलत नाम लिया।
हालांकि उन्होंने बाद में सुधार किया, लेकिन इसके बाद फिर से वही नाम लेकर तंज कसते हुए दोहराया। इससे बीजेपी नेताओं और समर्थकों में गहरा आक्रोश फैल गया।

खेड़ा ने कहा: “हम साफ बात कर रहे हैं जेपीसी (संसदीय जांच समिति) की, लेकिन प्रधानमंत्री इससे भाग रहे हैं। जब नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं, तो मोदी जी को इससे क्या डर है?”

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कानूनी कार्रवाई: लखनऊ और वाराणसी में दर्ज हुई FIR

लखनऊ:

  • FIR भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा की तहरीर पर दर्ज की गई है।

  • भाजपा कार्यकर्ता हजरतगंज थाने पहुंचे और मामले की कड़ी कार्रवाई की मांग की।

वाराणसी:

  • बीजेपी नेताओं की शिकायत पर धारा 153-A (धार्मिक भावनाओं को भड़काना), 295-A (धार्मिक अपमान), और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाला बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया।


भाजपा की प्रतिक्रिया: “नीचता की पराकाष्ठा”

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“जिस तरह से पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी के दिवंगत पिता का उपहास उड़ाया, वह अत्यंत निंदनीय और असंवेदनशील है। यह कोई पहली बार नहीं है। कांग्रेस को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि एक सामान्य परिवार से आया व्यक्ति आज देश का प्रधानमंत्री है।”


राजनीतिक शिष्टाचार बनाम व्यक्तिगत हमले

यह विवाद एक बार फिर भारतीय राजनीति में गिरते संवाद स्तर को दर्शाता है।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ता है, वहीं व्यक्तिगत हमले—विशेषकर किसी नेता के स्वर्गीय माता-पिता को लेकर टिप्पणी—सिर्फ राजनीतिक मर्यादा का ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों का भी उल्लंघन है।


सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

  • कुछ लोगों ने पवन खेड़ा की आजादी से बोलने के अधिकार का समर्थन किया,

  • जबकि अधिकतर यूज़र्स ने इसे घिनौनी राजनीति और असंवेदनशील बयानबाज़ी बताया।

#ShameOnCongress और #RespectPMParents जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे।