Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में शायराना अंदाज में दिखे!
Video Source: Zee News
मीडिया के अनुसार, लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज़ कुछ अलग ही था। उन्होंने अपने संबोधन में शायरी, व्यंग्य और तथ्य का मिश्रण कर कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी पर तीखे कटाक्ष किए।
“कह-कह कर के हम दिल को बहला रहे हैं…”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ही शायराना अंदाज़ में की। उन्होंने कहा:
“ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…
ये कह-कह कर के हम दिल को बहला रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं… वो अब आ रहे हैं…”
यह शेर साफ तौर पर राहुल गांधी की राजनीतिक वापसी की कोशिशों पर कटाक्ष था, जो हाल ही में लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं।
“किसकी कितनी समझ है… ये भी साफ दिख गया”
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के भाषण को बिना नाम लिए निशाने पर लेते हुए कहा:
“जब सबकी बात को सुनते हैं, तो यह भी ध्यान आता है कि किसकी कितनी क्षमता है, कितनी योग्यता है, किसकी कितनी समझ है… और किसका क्या इरादा है।”
यह टिप्पणी विपक्षी नेताओं के वक्तव्यों की गंभीरता और दृष्टिकोण पर सवाल उठाने जैसी थी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का अपमान और जनजातीय समुदाय की उपेक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कुछ विपक्षी नेता सदन से जानबूझकर गायब हो गए और कुछ ने टीवी चैनलों पर जो कहा, उससे उनकी सोच में भरी नफरत उजागर हो गई।
“एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी सोच क्या है, वह भी सामने आ गई है।”
“तुम्हारे पांव के नीचे कोई ज़मीन नहीं है…”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की राजनीतिक गिरावट पर तीखा हमला करते हुए मशहूर शायर दुष्यंत कुमार का शेर सुनाया:
“तुम्हारे पांव के नीचे कोई ज़मीन नहीं है,
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं है।”
यह शेर कांग्रेस पार्टी की संकुचित राजनीतिक पकड़ और भ्रमित आत्मविश्वास पर गहरा तंज था।
“पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था…”
मोदी ने राहुल गांधी के भाषण के बाद आए समर्थन को लेकर भी व्यंग्य किया। उन्होंने कहा:
“कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था।
कुछ लोग तो इतने खुश थे जैसे कोई क्रांति हो गई हो।
शायद आज नींद भी अच्छी आई होगी… उठ भी नहीं पाए होंगे!”
इस टिप्पणी से उन्होंने यह जताया कि विपक्षी समर्थक वर्ग तथ्यों के बजाय भावनाओं में बह जाते हैं।
“राष्ट्रपति को धन्यवाद नहीं, अभिनंदन भी”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा:
“इस बार न सिर्फ धन्यवाद, बल्कि मैं उनका अभिनंदन भी करता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे यह अवसर पहले भी कई बार मिला है।”
उन्होंने राष्ट्रपति की भूमिका और भारत की लोकतांत्रिक मर्यादाओं की गरिमा को बनाए रखने पर जोर दिया।