Breaking News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगायी महाराष्ट्र की शिवसेना और BMC को फटकार!
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महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार और अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच टकराव अब भी थमता नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में बीएमसी (BMC) द्वारा कंगना रनौत के ऑफिस पर की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर नया मोड़ सामने आया है। बीएमसी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपनी कार्रवाई को सही ठहराया है, जबकि कंगना ने इसे ‘राजनीतिक बदले की भावना’ बताया।
BMC ने कोर्ट में क्या कहा?
बीएमसी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एफिडेविट में कहा है कि:
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कंगना रनौत ने अपने ऑफिस में अवैध निर्माण किया था।
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उन्होंने निर्माण नियमों का उल्लंघन किया और अनुमति के बिना बदलाव किए।
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BMC का दावा है कि कार्रवाई कानून के तहत सही थी, ना कि किसी राजनीतिक दबाव के तहत।
बीएमसी ने कंगना के उन बयानों को भी खारिज किया है जिनमें उन्होंने “उत्पीड़न” और “दबाव की राजनीति” के आरोप लगाए थे। BMC का कहना है कि यह सभी बेबुनियाद और झूठे आरोप हैं और कोर्ट से अनुरोध किया गया कि इस आधार पर उन्हें किसी भी तरह की राहत न दी जाए।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक
कंगना रनौत ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने:
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बीएमसी की तोड़फोड़ की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई थी।
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महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा था।
कोर्ट का रुख तब साफ था कि बिना पर्याप्त नोटिस और प्रक्रिया के इस तरह की कार्रवाई पर प्रश्न उठाए जा सकते हैं।
अब कंगना के घर की बारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब बीएमसी की नजर कंगना रनौत के खार स्थित फ्लैट पर है। जानकारी के मुताबिक:
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कंगना का फ्लैट ‘ऑर्किड ब्रीज़’ नामक बिल्डिंग में है।
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दो साल पहले बीएमसी ने AFI नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए नोटिस भेजा था।
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कंगना ने तब दिंडोशी कोर्ट से स्टे ले लिया था।
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बीएमसी ने दो साल तक कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन अब अचानक स्टे हटाने की अर्जी दायर कर दी गई है।
इससे एक बार फिर ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये कार्रवाई कानूनी है या राजनीतिक प्रेरित?