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DRDO ने Hypersonic Technology का किया सफल परीक्षण!

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Breaking News : भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है जिसके पास खुद की Hypersonic Technology हैं!

Video Source: Zee News

भारत की रक्षा ताकत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

7 सितंबर 2020, भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। DRDO ने पूरी तरह स्वदेश में विकसित की गई Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) का सफल परीक्षण कर लिया है। इसके साथ ही भारत अब अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है, जिसके पास यह अत्याधुनिक तकनीक है।

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क्या है Hypersonic Technology?

Hypersonic मिसाइलें आवाज से 5 गुना (Mach 5) या उससे अधिक तेज़ होती हैं।

  • ???? DRDO द्वारा परीक्षण किए गए HSTDV की रफ्तार 7000 किमी/घंटा से अधिक रही

  • ???? सिर्फ 20 सेकेंड में 30 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच गया

  • ⚙️ इस तकनीक में अत्यधिक गर्मी और तेज गति को संभालने वाले स्क्रैमजेट इंजन का इस्तेमाल होता है

  • ???? इसकी गति इतनी तेज होती है कि रडार पकड़ भी नहीं पाता


भारत की सैन्य ताकत को मिलेगी नई धार

इस हाइपरसोनिक तकनीक का इस्तेमाल भविष्य में भारत की अपनी क्रूज मिसाइलें और फाइटर एयरक्राफ्ट विकसित करने में किया जाएगा। यह तकनीक भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि किसी भी दुश्मन को पल भर में जवाब देने की ताकत और आत्मविश्वास देगी।


पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

इस बड़ी सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा,

“भारत ने फिर से दिखाया है कि वह तकनीक और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कितना सक्षम है।”

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि यह कामयाबी ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को और गति देगी।


भारत अब तैयार है अगली पीढ़ी के युद्ध की तकनीक के लिए

हाइपरसोनिक तकनीक को भविष्य की सबसे घातक और निर्णायक टेक्नोलॉजी माना जा रहा है। यह सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति में भी गेमचेंजर साबित हो सकती है। भारत की यह प्रगति वैश्विक स्तर पर रक्षा शक्ति में संतुलन लाने में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी।