Breaking News : किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहा है!
Video Source: Zee News
मीडिया के अनुसार, दिल्ली पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि खालिस्तानी मो धालीवाल भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन का इस्तेमाल अलगाववादी आंदोलनकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए करना चाहता है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध एक वीडियो क्लिप के आधार पर बनाया गया था जिसमें धालीवाल को 26 जनवरी को आंदोलन और साथ ही खालिस्तानी आंदोलन के लिए समर्थन जुटाते हुए देखा जा सकता है। वही यह भी पता चला है कि किसान आंदोलन को खालिस्तानी इस्तेमाल कर रहें हैं | Poetic Justice Foundation के को-फाउंडर मो धालीवाल का सच सामने आया, उन्होंने कहा किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी आंदोलन चलेगा। मो धालीवाल ने कबूला हमारा असली एजेंडा खालिस्तान है।
जैसा कि यह भी पता चला है कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में हिंदुस्तान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है वही इसका भी खुलासा स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के उस ट्वीट के बाद हुआ था और जिसमें ग्रेटा ने एक टूलकिट जारी किया था। इस टूलकिट में भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई चरण में कार्ययोजना पेश की गई थी और इस टूलकिट को बनाने के लिए मो धालीवाल का नाम सामने आ रहा है, जो पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का को-फाउंडर है।
मो धालीवाल पोएटिक फॉर जस्टिस फाउंडेशन का को-फाउंडर हैं और पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के बनाए विवादित टूलकिट को ही ग्रेट थनबर्ग ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था और ये पहली बार नहीं है। जब धालीवाल का नाम सुर्खियों में है और उसका नाम साल 2017 में कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के स्लोगन ‘लव एंड करेज’ के पीछे भी आया था और ये कैंपेन जगमीत सिंह के लिए चलाया गया था। मो धालीवाल कनाडा के वैंकूवर में रहता है और उसका चाचा खालिस्तानी आतंकी रह चुका है, जिसे पंजाब पुलिस ने 1984 में एनकाउंटर में मार गिराया था। 26 जनवरी 2021 को भी धालीवाल ने कनाडा में स्थित भारतीय कॉन्सुलेट्स के सामने प्रदर्शन किया था और कहा था कि असली लड़ाई भारत के टुकड़े करना है।