Breaking News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गांदरबल जिले में सोनमर्ग (Z-Morh) टनल का उद्घाटन कर दिया है!
Video Source: Aaj Tak
जम्मू-कश्मीर के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित Z-Morh टनल का भव्य उद्घाटन किया। यह टनल श्रीनगर से आगे स्थित गगनगीर और सोनमर्ग को जोड़ती है, और इसके चालू होने से अब सोनमर्ग पूरे साल खुला रहेगा – चाहे बर्फबारी हो या अन्य मौसम की बाधाएं।
???? टनल की मुख्य विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
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????️ कुल लंबाई | 12 किलोमीटर (जिसमें 6.4 किमी मुख्य सुरंग) |
???? डिज़ाइन क्षमता | प्रतिदिन 11,000 वाहन, अधिकतम गति 80 किमी/घंटा |
????️ ऊँचाई | समुद्र तल से 8,650 फीट |
???? निर्माण लागत | ₹2,700 करोड़ |
????️ निर्माण आरंभ | वर्ष 2015 |
आधुनिक तकनीक से बनी एक रणनीतिक टनल
Z-Morh टनल को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से तैयार किया गया है, जो बर्फबारी और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद यातायात को निर्बाध रूप से जारी रखने में सक्षम है। यह न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि यह टनल भारतीय सेना और सामरिक परिवहन के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पर्यटन और स्थानीय जीवन को मिलेगा नया आयाम
टनल के उद्घाटन के बाद अब:
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पर्यटक पूरे साल सोनमर्ग और लद्दाख की यात्रा कर सकेंगे
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स्थानीय लोगों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी और रोज़गार के अवसर
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क्षेत्रीय टूरिज़्म इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट
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बर्फबारी के कारण कई महीनों तक बंद रहने वाली आवाजाही अब बाधित नहीं होगी
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: “ये सुरंग, विकास की रौशनी है”
टनल के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“Z-Morh टनल जम्मू-कश्मीर के विकास की दिशा में भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण उपहार है। यह टनल न सिर्फ एक संरचना है, बल्कि एक संकल्प है — कनेक्टिविटी, समृद्धि और समावेशी विकास का।”
उद्घाटन समारोह के दौरान टनल को ‘दुल्हन की तरह सजाया’ गया था — जो इस ऐतिहासिक परियोजना के महत्व और उत्साह को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी में आया ऐतिहासिक बदलाव
Z-Morh टनल का उद्घाटन केवल एक निर्माण परियोजना का पूरा होना नहीं है, बल्कि यह “नए भारत की नई सोच” का उदाहरण है। अब सोनमर्ग और आगे लद्दाख तक की यात्रा तेज, सुरक्षित और साल भर सुलभ होगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह एक और मील का पत्थर साबित हुआ है।