Breaking News : जानिए क्या हैं? हाथरस में हुए दरिंदगी का अधूरा नहीं, संपूर्ण सच!
Video Source: Zee News
मीडिया के अनुसार, इस पूरे मामले को कुछ लोग इस बहस में उलझा रहे हैं कि हाथरस की 18 साल की इस लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था या नहीं? जबकि बहस इस बात पर होनी चाहिए कि हमारे देश में किसी भी बेटी को न्याय पाने के लिए पहले मरना क्यों पड़ता है। इस हत्याकांड ने एक बार फिर महिलाओं के प्रति हमारे समाज की सोच को बेपर्दा कर दिया है और हाथरस की 18 साल की एक बेटी के साथ एक खेत में हिंसा की जाती ह। उसे इतनी बेरहमी से मारा पीटा जाता है कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट जाती है और फिर जब उसकी मौत हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार वाले अधिकार के साथ भी अन्याय किया जाता है। खेत में हिंसा का शिकार हुई लड़की के शव को एक खेत में ही जला दिया जाता है और इसके लिए रात के ढाई बजे का समय चुना जाता है।
जिन खेत खलिहानों में इस लड़की का बचपन बीता आज वहीं पर इसी चिता जल रही है और हाथरस की इस बेटी का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में शमशान की बजाय इस खेत में कर दिया गया। अब आप सोचिए जिस देश में खेतों में बेटियों की चिता जलने लगे उस देश का भविष्य क्या होगा? किसी भी मृत व्यक्ति को जो सबसे अंतिम अधिकार हासिल होता है वो ये है कि उसका अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से किया जाए लेकिन हाथरस में जो हुआ उसके केंद्र में सिर्फ एक लड़की की दर्दनाक मौत नहीं है, बल्कि इस घटना ने हमारे सिस्टम को भी नैतिक तौर पर मृत साबित कर दिया है।
आप को बता दे कि आरोप है कि हाथरस की पुलिस ने 29 सितंबर की रात ढाई बजे लड़की के परिवार की इजाजत के बगैर गांव के एक खेत में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया. आज देश भर में कई शहरों में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किए गए लेकिन सबसे बड़ा अपडेट ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने इस बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और इसकी जानकारी खुद योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट करके दी है। अब इस घटना की जांच करने के लिए बड़े अधिकारियों के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का का गठन कर दिया है और इस टीम में उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, उत्तर प्रदेश के डीआईजी और एक महिला आईपीएस अधिकारी शामिल हैं।