Breaking News: भारत-रूस की संयुक्त खुफिया कार्रवाई ने विफल की बड़ी साजिश? रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा!
Video Source: TIMES NOW Novbharat
मीडिया के अनुसार, भारत की राजनीति और ग्लोबल सुरक्षा सर्कल में एक बड़ा सवाल उभर रहा है—
क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की योजना बनाई थी?
और क्या भारत एवं रूस की एजेंसियों ने मिलकर इस साजिश को नाकाम कर दिया?
इन सवालों को हवा दी है भारतीय समाचार पत्रिका ऑर्गनाइज़र की एक विस्फोटक रिपोर्ट ने, जिसमें ढाका में तैनात एक अमेरिकी अधिकारी की रहस्यमयी मौत को इस कथित साजिश से जोड़ा गया है।
CIA की पुरानी कुख्यात छवि
-
सरकारों को गिराना
-
नेताओं की हत्या की साजिश
-
देशों के बीच विवाद भड़काना
-
विद्रोह खड़ा कर राजनीतिक दबाव बनाना
हाल के वर्षों में CIA की गतिविधियाँ पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में बढ़ी मानी गई हैं। दक्षिण एशिया में जो राजनीतिक उथल-पुथल दिखी, उसकी पीछे अमेरिकी एजेंसियों की भूमिका होने के दावे होते रहे हैं।
अमेरिकी अधिकारी की रहस्यमय मौत
नाम: टेरेंस अर्वेल जैक्सन
पद: US Special Forces अधिकारी
तारीख: 31 अगस्त
स्थान: ढाका का एक होटल रूम
स्थिति: संदिग्ध मौत
ऑर्गनाइज़र के अनुसार—
“क्या जैक्सन भारत के खिलाफ टॉप सीक्रेट मिशन पर था?
क्या टारगेट PM नरेंद्र मोदी थे?”
उसी दिन मोदी-पुतिन की गोपनीय मीटिंग
31 अगस्त को ही PM मोदी चीन के तियानजिन में SCO Summit के लिए मौजूद थे और बाद में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कार में लंबी निजी बात की थी — जिसे वैश्विक मीडिया ने हाईलाइट किया।
रिपोर्ट का दावा है:
“भारत और रूस की संयुक्त खुफिया कार्रवाई ने जैक्सन की योजना को विफल किया। उसके बाद वह संदिग्ध परिस्थितियों में मारा गया।”
भारत क्यों था टारगेट?
रिपोर्ट में कई कारण बताए गए:
-
भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
-
रूस से मजबूत रक्षा एवं ऊर्जा गठबंधन
-
पश्चिम के विरुद्ध भारत का स्वतंत्र रुख
-
अमेरिकी दबाव के बावजूद रूसी तेल की खरीद
यह सब अमेरिका की ग्लोबल स्ट्रैटजी के लिए चुनौती माना जा रहा है।
ढाका में पोस्टिंग का असली उद्देश्य?
आधिकारिक दावा:
बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग
लेकिन रिपोर्ट के अनुसार:
असली लक्ष्य — भारत के भीतर “टॉप लेवल असैसिनेशन मिशन” की तैयारी
भारतीय एजेंसियों ने बढ़ाई निगरानी
खुफिया सूत्रों के अनुसार:
-
ढाका और भारत-रूस चैनलों पर संदिग्ध गतिविधियाँ
-
मिशन में शामिल विदेशी नेटवर्क पर नजर
-
कई डिजिटल इंटरसेप्शन किए गए
नतीजतन — मिशन ब्लास्ट होने से पहले ही बर्बाद हो गया।
CIA की चुप्पी और बढ़ता शक
-
अमेरिकी सरकार ने अब तक इस मौत पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया
-
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी पब्लिक नहीं
-
Hotel CCTV डेटा को “गुप्त” रखा गया है
जिससे साजिश वाली थ्योरी और मजबूत हो रही है।
बड़ी चेतावनी: PM मोदी हाई-रिस्क टारगेट
सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार—
PM मोदी का कद वैश्विक शक्ति समीकरण को बदल रहा है
“जो नेता अमेरिका के हितों को चुनौती देता है,
इतिहास गवाह है—CIA उसे कभी पसंद नहीं करती।”
भारत को सतर्क रहना होगा
हालांकि यह रिपोर्ट अभी आधिकारिक पुष्टि पर आधारित नहीं,
लेकिन घटनाओं का लिंक बेहद गंभीर सवाल खड़ा करता है—
क्या CIA ऐसी खतरनाक कार्रवाई भारत के खिलाफ करने की हिम्मत कर चुकी थी?
और अगर हाँ…
तो यह सिर्फ शुरुआत हो सकती है।


